-पौड़ी में नए डाक्टरों ने किया कार्यभार ग्रहण
कोरोना संक्रमण से बचाव की लड़ाई में जनपद के स्वास्थ्य विभाग को मजबूती मिली है। शासन ने जनपद को 47 नए डाक्टर मिले हैं। इन्होंने जनपद के विभिन्न अस्पतालों में कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
कोरोना संक्रमण से बचाव कार्यो में चिकित्सकों की कमी आड़े न आए, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी संख्या में चिकित्सकों की तैनाती की है। इसके तहत राजकीय मेडिकल कालेज श्रीनगर में 15 नए चिकित्सकों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इसके अलावा पूर्व से बांड पर कार्य कर रहे 23 चिकित्सकों को भी नियमित किया गया है। संविदा पर सेवारत एक अन्य चिकित्सक को भी नियमित किया गया है। सात चिकित्सकों को बांड पर व एक चिकित्सक को संविदा नियुक्ति दी गई है। उक्त सभी चिकित्सकों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया गया है।
सीएमओ डा. मनोज बहुखंडी ने बताया कि उक्त सभी चिकित्सकों को जनपद के कोरोना अस्पतालों में तीन माह के लिए तैनाती दी गई है। महामारी की स्थिति सामान्य होने पर इन्हें जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।
कोरोना संकटः जिले को मिले 18 चिकित्सक, दो ने ड्यूटी ज्वाइन की
चमोली जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए चिकित्सकों की कमी को देखते हुए शासन की ओर से 18 चिकित्सकों की तैनाती की गई है। इनमें से वर्तमान तक दो चिकित्सकों ने जहां जिले में ड्यूटी ज्वाइन कर ली है, वहीं शासन की ओर से छह चिकित्सकों को जिले के बाहरी क्षेत्रों में संबद्ध किया गया है।
चमोली जिले में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला चिकित्सालय में 85 आइसोलेशन बेड बनाये गये हैं जबकि पॉलीटेक्निक गौचर, ग्वादम, देवाल, कर्णप्रयाग, मंडल, जोशीमठ, जीएमवीएन कालेश्वर, पीएचसी गौचर तथा जीएमवीएन गौचर में फेसिलेटी क्वारंटाइन बनाया गया है। जहां 92 बाहरी क्षेत्रों से आये मरीजों को रखा गया है वहीं जिले में 16 सौ अधिक लोगों को होम क्वारंटाइन में रखा गया है। जिनके परीक्षण के लिए विभाग की ओर से 23 चिकित्सकों की टीमें बनाकर नियमित परीक्षण किया जा रहा है। ऐसे में चिकित्सकों की कमी को देखते हुए शासन की ओर से जिले में 18 अनुबंधित
चिकित्सकों को नियमित कर दिया गया है। इसके साथ जिले में 18 अन्य चिकित्सकों की अनुबंध पर तैनाती की गई है। इनमें से दो चिकित्सकों ने स्वास्थ्य केंद्र भटोली और उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में ड्यूटी ज्वाइन कर ली है जबकि छह चिकित्सकों को जिले से बाहर संबद्ध किया गया है। ऐसे में यदि शेष दस चिकित्सकों को शीघ्र जिले में तैनाती दी जाती है तो जिले में संक्रमण की रोकथाम को लेकर हो रही चिकित्सकों की कमी में बड़ी राहत मिल सकेगी।