अब पहाड़ चढ़ेंगे पेयजल निगम के अफसर

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देहरादून। तबादला सीजन में बंपर स्थानांतरण करने के बाद पेयजल निगम में एक बार फिर तबादलों का दौर शुरू हो गया है। इस बार पेयजल निगम ने पर्वतीय क्षेत्रों में लंबे समय से खाली पड़े अफसरों के पदों को भरने की तैयारी की है। इसके लिए निगम प्रबंधन फिलहाल ऐसी शाखाओं का खाका तैयार कर रहा है, जहां कोई अधिकारी जाने के लिए तैयार नहीं है या फिर लंबे समय उक्त पद या तो प्रभारी व्यवस्था के तहत चल रहे हैं या फिर खाली पड़े हुए हैं।

विभागीय सूत्रों की मानें तो उत्तराखंड में फिलहाल सौ से ज्यादा ऐसे अधीक्षण अभियंता, अधिशासी, सहायक व कनिष्ठ अभियंता के पद हैं, जो लंबे समय से रिक्त पड़े हुए हैं। इनमें अधिकांश पर्वतीय क्षेत्र की शाखाएं हैं। ऐसा नहीं है कि पूर्व में पेयजल निगम ने इन शाखाओं पर अधिकारियों को नहीं भेजा, तबादले तो हुए लेकिन या तो अधिकारी कोई न कोई बहाना बनाकर पहाड़ चढ़ने से बच गए या फिर प्रबंधन में अपनी पैठ बनाकर पहाड़ पर तबादला रुकवा दिया गया। अब स्थिति ये है कि उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्र के 17 हजार मजरे ऐसे हैं, जहां लोगों को पर्याप्त पानी नसीब नहीं हो रहा। विभागीय ढांचा भी इन क्षेत्रों में पूरा न होने के कारण योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पा रही। यहां तक कि पेयजल किल्लत पर राज्य व केंद्र सरकार का कड़ा रुख बना हुआ है। ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों से पानी की किल्लत दूर करने और संकटग्रस्त मजरों के आंकड़े 17 हजार से कम करने के लिए ही पेयजल निगम ने पर्वतीय क्षेत्रों में अफसरों को भेजने की तैयारी शुरू कर दी है।
पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक भजन सिंह ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर अभी पद रिक्त पड़े हुए हैं। ऐसे सभी पदों पर शीघ्र अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। इस संबंध में फिलहाल स्थानांतरण का खाका तैयार किया जा रहा है।