पितृ अमावस्या : गंगा तट पर उमड़े श्रद्धालु, किया पितृ तर्पण

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ऋषिकेश, पितृ अमावस्या पर तीर्थ नगरी ऋषिकेश में हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर पितृ तर्पण और श्राद्ध कर्म किया। शनिवार को पितृ अमावस्‍या के साथ श्राद्धपक्ष का समापन हो गया। यह दिन महज श्राद्धपक्ष पूर्ण होने का ही दिन नहीं अपितु जिन पितरों की तिथि की जानकारी नहीं है या जो पितर ज्ञात अज्ञात हों उनको तर्पण करने का भी दिन है। इस विशेष दिन के महत्‍व के बारे में पंडित वेद प्रकाश शास्त्री बताते हैं कि अमावस्या तिथि पर किया गया श्राद्ध, परिवार के सभी पूर्वजों की आत्माओं को प्रसन्न करने के लिये पर्याप्त है।
गंगा स्नान, दान व श्राद्धादि के लिए शुभ मानी जाने वाली पितृ अमावस्या पर तीर्थनगरी क्षेत्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए उमड़ने शुरू हो गये थे। शनिवार सुबह गंगा तट पर ज्ञात-अज्ञात पित्रों का तर्पण व श्राद्ध कर लोगों ने पित्रों को विदा किया।
तीर्थनगरी में त्रिवेणी घाट सहित, बहत्तर सीढ़ी घाट, साईं घाट, नाव घाट, मुनिकी रेती के शत्रुघन घाट, पूर्णानंद घाट तथा लक्ष्मणझूला व स्वर्गाश्रम के विभिन्न घाटों पर दिन भर स्नान का क्रम जारी रहा। श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर पुण्यलाभ अर्जित किया। गंगा तटों पर लोगों ने अपने पित्रों का कुशा, जौ-तिल व दूध से तर्पण कर श्राद्ध किया। परिजनों ने जरूरतमंदों को दान आदि कर पुरुखों को स्वर्गलोक के लिए विदा किया।
गंगा स्नान को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए थे, सभी घाटों पर जल पुलिस तैनात की गई थी। तीर्थ नगरी ऋषिकेश में गंगा तट पर श्राद्ध के लिए बड़ी संख्या में बाहरी प्रदेशों व शहरों से भी लोग यहां पहुंचे और गंगा में डुबकी लगाकर पितृ तर्पण किया। ब्राह्मणों के साथ गरीबों में वस्त्र तथा अन्न का दान भी किया।