रानीखेत/गरमपानी। कोसी घाटी में ड्रोन के उड़ान भरने से हड़कंप मच गया। आसमान में विचित्र यंत्र के उड़ने की खबर कोसी घाटी में आग की तरह फैल गई। उसे देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं दी गई है। उप जिलाधिकारी ने कहा कि ड्रोन उड़ाने वाले की तलाश कर कार्रवाई की जाएगी।
एक ओर अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर सुरक्षा संबंधी कारणों के चलते एनएच प्रशासन ड्रोन के हवाई सर्वे की अनुमति के लिए दर-दर भटक रहा है। एनएच प्रशासन को ड्रोन की अनुमति नहीं मिल पा रही। वहीं, कोसी घाटी स्थित थापली गांव से सटी कोसी नदी के ऊपर नियमों को ताक पर रखकर किसी ने ड्रोन उड़ाया। ड्रोन कैमरा उड़ने की खबर आस-पास के गांव में भी फैल गई। जिससे हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने बिना अनुमति ड्रोन उड़ाए जाने का विरोध जताया है। लोगों का कहना है कि अतिसंवेदनशील कोसी नदी में बिना अनुमति इस प्रकार की घटना निंदनीय है वही प्रशासन ने अनुमति न दिए जाने की बात कहीं है। ग्रामीण दलिप सिंह बोहरा का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिना अनुमति ड्रोन उड़ाना गंभीर अपराध की श्रेणी में आना चाहिए। बाहरी लोग मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं। यदि अंकुश नहीं लगाया गया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। नियम की धज्जियां उड़ाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस मामले में उपजिलाधिकारी कोश्या कुटोली प्रमोद कुमार ने कहा कि ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं दी गई है। 200 मीटर के नीचे ड्रोन उड़ाने के लिए स्थानीय प्रशासन व 200 मीटर से ऊपर के लिए उच्च अधिकारियों की अनुमति आवश्यक है। पता लगाएंगे कि ड्रोन किसने उड़ाया। जांच कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।