ऋषिकेश एम्स प्रशासन की निकाली शवयात्रा

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एम्स

अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान ऋषिकेश नियुक्तियों में उत्तराखंड के निवासियों को वरीयता न मिलने व नियुक्तियों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उत्तराखंड जन विकास मंच व समाजिक संगठनों ने नगरपालिका परिषद ऋषिकेश से एम्स प्रशासन की शवयात्रा निकाली।

यह रैली उत्तराखंड के बेरोजगारों को एम्स में नौकरी के लिए मार्ग प्रशस्त करने के लिए निकाली गई। रैली के आयोजकों आशुतोष शर्मा, कपिल गुप्ता का कहना था कि, “ऋषिकेश में एम्स की स्थापना को लगभग 15 साल होने जा रहे हैं, जिसे बनाने मे एनडीए सरकार का योगदान है और जिसकी घोषणा से उत्तराखंड और विशेषकर ऋषिकेश के लोगों ने स्वास्थ्य व रोजगार को लेकर जो सपने संजोये थे आज वो धाराशाही होते नजर आ रहे है। यहां पर पहले जो भी निदेशक आये उन्होंने ईमानदारी का ढोल पीटकर केवल अपना हित साधने का प्रयास किया और अपना उल्लू सीधा कर चले गए।”

आरोप है कि अब एक नए साहब आये लेकिन परिणाम वही ‘ढाक के तीन पात, और उल्टा पिछलों के समय जो काम छुप के हो रहा था वो आजकल खुल के हो रहा हैं। अपने पीछे एक पाक साफ जांच भी लेकर आये है। उनहोंने आरोप लगाया कि बेरोजगारों से नौकरी देने के नाम पर 50 हजार से लेकर 02 लाख तक की मांग की जा रही है जो दे रहा है उसे नौकरी (ठेकेदारी में) दी जा रही और जो नही दे रहा है उसका आवेदन अगले दिन कुड़ेदान में मिल रहा है।

आंदोलनकारियों ने मांग की है कि ऋषिकेश एम्स में पूर्व व वर्तमान में हो रही अनियमितताओं की केंद्र जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करे।