ऋषिकेश। उत्तराखण्ड के गोहरी माफी रायवाला निवासी दिव्यांग पुष्पा रावत के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं हैं। बावजूद इसके पुष्पा ने हार नहीं मानी। परिस्थितियों से लड़ते हुए उसने न केवल अपना जीवन संघर्ष जारी रखा बल्कि विद्यालय के दिनों से ही अपने मार्गदर्शक के रूप में समाजसेवी विनोद जुगलान को सामने खड़ा पाया तो उन्हें अपना भाई मान लिया।
सबसे पहले विनोद जुगलान ने ही पुष्पा रावत की खराब आर्थिक स्थिति और दैनिक जीवन के संघर्षों को देखते हुए उसकी कहानी लिखी, जिस पर नब्बे के दशक में दिल्ली दूरदर्शन ने फेस इन द क्राउड नामक डॉक्यूमेन्ट्री बनाकर प्रसारित किया गया। उसके बाद पुष्पा के जीवन की सकारात्मक शुरुआत हुई।
दिव्यांग पुष्पा रावत ने धर्म भाई समाजसेवी विनोद जुगलान के मार्गदर्शन से आगे बढ़ना शुरू किया तो ऋषिकेश की एक शैक्षणिक संस्था ने उसे पढ़ने में मदद की।वर्तमान में कुमारी पुष्पा रावत ओएनजीसी देहरादून में राज भाषा विभाग में प्रथम श्रेणी सहायक है।
मंगलवार को पुष्पा रावत अपने मार्गदर्शक भाई समाज सेवी विनोद जुगलान के निवास पर आकर उन्हें राखी बांधकर रक्षा बंधन की शुभकामनाएं दीं। वह भाई के घर आने पर मिठाई लाने के लिए अपने आठ वर्षीय भतीजे को साथ लेकर आई थीं। समाजसेवी ने भी पुष्पा को बहन की तरह सम्मान देते हुए शगुन दिया। उल्लेखनीय है कि इस बार रक्षा बंधन और गणतन्त्र दिवस एक ही दिन है और पुष्पा गणतन्त्र दिवस विभाग में ही मनाना चाहती है। इस मौके पर ऊषा जुगलान, विनिशा, अनिशा, अमृतम जुगलान, पुष्पा कंडवाल, सुनीता डंगवाल, सरोजनी रानाकोटी, शशि किशोर एवं ममता रानाकोटी उपस्थित रहे।