प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पिथौरागढ़ ने सबको पछाड़ा

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पिथौरागढ़ जिले के किसानों ने नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। मैदानी क्षेत्रों को मात देते हुए जिले में सर्वाधिक 20 प्रतिशत किसानों ने इस योजना के तहत अपनी फसल का बीमा करवाया है। राज्य में सर्वाधिक उत्पादन करने वाले हरिद्वार और उधमसिंह नगर जैसे बड़े जिले भी इस मामले में पिथौरागढ़ से पीछे है।
बताते चलें कि मौसम की मार से किसानों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की गई है। इस योजना से कवर रहने वाले किसानों को सूखा, अतिवृष्टि या आपदा जैसी स्थिति में फसल को हुए नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी द्वारा की जाती है। सरकार अधिक से अधिक किसानों को इस योजना में शामिल करने के लिए तमाम प्रयास कर रही है। इसके बावजूद किसानों ने इस योजना में खास रुचि नहीं दिखाई है। प्रदेश में 7.51 प्रतिशत किसानों ने ही रबी की फसल के लिए योजना में दिलचस्पी दिखाई।
प्रदेश के बड़े जिले इस मामले में काफी पीछे हैं। इन जिलों में पांच से दस प्रतिशत किसानों ने ही अपनी फसलों का बीमा करवाया है। पहाड़ी जिलों में स्थिति संतोषजनक है। प्रदेश के सबसे सीमांत जिले पिथौरागढ़ के किसानों ने इस योजना में खासी दिलचस्पी दिखाई है। जिले के बीस प्रतिशत किसान इस योजना से जुड़े हैं।
मुख्य कृषि अधिकारी अभय सक्सेना ने इसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि विभाग ने इस सफलता के लिए व्यापक अभियान चलाकर किसानों को जागरूक किया था। जिसका नतीजा सामने है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष शीतकालीन वर्षा की कमी से फसलों के प्रभावित होने पर किसानों को योजना का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि पिथौरागढ़ जिले में कुल 79846 किसान है जिसमें से 16394 किसानों ने अपनी फसल का बीमा उक्त योजना के तहत कराया है।
अभय सक्सेना ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को आपदा की स्थिति में हुए नुकसान की भरपाई के लिए शुरू की गई है। योजना में किसानों को अपनी फसल की कीमत का मात्र सवा प्रतिशत प्रीमियम जमा करना होता है। शेष धनराशि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है। नुकसान होने पर किसान को बीमित राशि का भुगतान किया जाता है।