देहरादून से पिथौरोगड़ और पंतनगर जुड़े हवाई मार्ग से

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हवाई सेवा की शुरुआत करते मुख्यमंत्री

बुधवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट से देहरादून-पिथौरागढ़, देहरादून-पंतनगर घरेलू हवाई सेवा का विधिवत शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हए कहा कि घरेलू हवाई सेवाएं प्रारम्भ करने से राज्य में 750 से 800 करोड़ रूपए खर्च करके तैयार किए गए हेलीपेड, हवाई पट्टियों आदि हवाई सेवा संबंधी इंफ्रास्ट्रक्चर का बेहतर उपयोग हो सकेगा और दूरदराज के क्षेत्रों को एयर कनेक्टीवीटी से जोड़ा जा सकेगा। इससे राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गतिशील राज्य के रूप में पहचान बनाने के लिए एयर कनेक्टीवीटी व रोड कनेक्टीवीटी आवश्यक है। रोड कनेक्टीवीटी में काफी काम किया गया है। एयर कनेक्टीवीटी के लिए घरेलू हवाई सेवाएं प्रारम्भ की गई हैं। ये सेवाएं राज्य के दूरदराज क्षेत्रों को आपस में जोडेंगी। आगे इन सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि अभी इन सेवाओं को इसलिए प्रारम्भ किया गया है ताकि आने वाले पर्यटन सीजन में इसका लाभ मिल सके। प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों को हवाई सेवा के माध्यम से जोड़ना सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। हम चौखुटिया में भूमि देने को तैयार हैं। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी का भी विस्तार किया जा सकता है।

सचिव, नागरिक उउ्डयन डा.आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि देहरादून से पिथौरागढ के लिए 8 यात्रियों को लेकर पहली उड़ान भरी गई है। या६ियों को इसके लिये 4000 रुपये देने होंगे। योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में 4 एयरपोर्ट हैं। इनमें से दो एयरपोर्ट जौलीग्रान्ट व पंतनगर कार्यरत हैं जबकि दो अन्य पिथौरागढ़ व चिन्यालीसौड़ हैं। योजना का उद्देश्य इन्हें फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट के माध्यम से आपस में जोड़ना है। गढ़वाल व कुमायूं के कम से कम 5-5 स्थानों को हेलीसेवाओं से जोड़ना है। एक विस्तारित कलेन्डर बनाकर जल्द ही नियमित उड़ानें प्रारम्भ की जाएंगी।  

राज्य में हवाई सेवाओं को लेकर जमीन का माहौल काफी गर्म रहता है। हवाई सेवाओं के लिये दिये जा रहा ठेकों को लेकर पहले ही हाई कोर्ट में केस चल रहा है। हांलाकि राज्य के दूर दराज़ के इलाकों को राजधानी से जोड़ने के लिये हवाई मार्ग से इन्हें जोड़ना काफी फायदेमंद है। सरकार का उद्देशय है कि इससे न केवल आम लोगों को सुविधा हैगी बल्कि उन सरकारी अधिकारियों को भी राहत मिलेगी जिन्हें लगातार काम के सिलसिले में घंटों सड़क सफर तय कर देहरादून पहुंचना होता है।