प्लास्टिक व प्लास्टिक से बनीं सामाग्री पर रोक, उल्लंघन करने वाले को देना होगा जुर्माना  

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प्लास्टिक बैग पर रोक

 

उत्तराखंड में पॉलीथीन(डिस्पोजेबल प्लास्टिक) बन्दी के उच्च न्यायालय के 20 दिसम्बर 2016  के आदेश के सिलसिले में राज्य सरकार ने पॉलीथीन बैग, कप, ग्लास और पैकिंग सामग्री (मैटीरियल) की बिक्री, इस्तेमाल और भण्डारण पर पूर्णतया रोक लगा दिया है। सरकार ने न्यायालय को दिए शासनादेश में कहा है कि 11 जनवरी2017 से राज्य में पॉलीथीन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है और उल्लंघन करने वाले को 5000/= रूपये का दण्ड भुगतना पड़ेगा। ग़ौरतलब है कि वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति अलोक सिंह ने गंगा की अविरलता और स्वच्छता बरकरार रखने संबंधी जनहित याचिका में पॉलिथीन पर रोक का आदेश दिया था।

इससे पहले फूड सेफ्टी और स्टैन्डर्ड आथोरिटी आफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने खाने की सामाग्री को अखबार में देने या पैक करने पर बैन लगाया था। एफएसएसएआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा थी कि अखबार में खाद्य पदार्थों को परोसने से या उसको स्टोर करने से अखबार की स्याही भोजन को दूषित कर सकती है, जिससे गंभीर रुप से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।उच्च न्यायालय के इस फैसले से पालीथिन व अखबार से होने वाली स्वास्थ्य सम्स्याओं के साथ पर्यावरण में इनके इस्तेमाल से हो रही परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।

सरकार ने इस नियम की अनुपालन की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों को सौंपी है।हाईकोर्ट को मिली जानकारी के अनुसार नगर क्षेत्र में नगर आयुक्त और ईओ इसके लिए जिम्मेदार होंगे।ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायत के एएमए और वन क्षेत्र में डीएफओ को इस नियम के अनुपालन का जिम्मा सौंपा गया है।