15 नवंबर 2021 को पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के भवाली थानांतर्गत प्यूड़ा सतखोल स्थित कॉटेज हुई आगजनी एवं फायरिंग के मामले में पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में कोतवाली भवाली में भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 452, 436 व 504 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया था।
पुलिस की ओर से बताया गया कि वांछित आरोपितों की तलाश और गिरफ्तारी के लिए भवाली के क्षेत्राधिकारी भूपेंद्र सिंह धौनी के पर्यवेक्षण में तीन टीमें लगी हुई थीं। इन्हीं में से भवाली के कोतवाली प्रभारी अशोक कुमार के नेतृत्व में लगी टीम ने भवाली में रामगढ़ रोड स्विस बैंक के आगे वाले बैंड के पास चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें बताया गया कि वह अपने बचाव के लिए हल्द्वानी की ओर भागने की फिराक में खड़े थे। पकड़े गए आरोपितों में से 27 वर्षीय चंदन सिंह लोधियाल पुत्र हरेंद्र सिंह निवासी ग्राम नथुवाखान के कब्जे से 32 बोर की मैगजीन सहित अवैध पिस्टल बरामद हुई।
इसके अलावा ग्राम सूपी थाना मुक्तेश्वर निवासी 30 वर्षीय कृष्णा सिंह बिष्ट पुत्र शंकर सिंह बिष्ट, 30 वर्षीय उमेश मेहता पुत्र गंगा सिंह मेहता व राजकुमार मेहता पुत्र गंगा सिंह मेहता भी पकड़े गए हैं। आरोपितों ने बताया है कि वह कुंदन चिलवाल के नेतृत्व में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के घर पर उनका पुतला दहन करने गए थे। उन्होंने वहां पर केवल पुतला फूंका और नारेबाजी की थी।
इस दौरान सलमान खुर्शीद जी आवास के केयर टेकर ने उनसे गाली गलौज-अभद्रता की। विरोध के आवेश में आकर उन्होंने खुर्शीद के मकान पर आगजनी और फायरिंग कर दी। इसके बाद मुकदमा कायम होने व वीडियो वायरल होने की जानकारी लगने पर वह अपने बचाव में वकील के पास हल्द्वानी जाने के दौरान पकड़े गए।
इस पर चंदन लोधियाल के खिलाफ अन्य धाराओं के साथ ही 25 शस्त्र अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस टीम में मुक्तेश्वर के थानाध्यक्ष मो. आसिफ, भवाली के एसएसआई प्रकाश मेहरा, उप निरीक्षक मनोज कुमार, महिला उपनिरीक्षक प्रियंका मौर्य, आरक्षी विपिन शर्मा, उमेश राज व विनोद रावत शामिल रहे।
सीओ भूपेंद्र सिंह धौनी ने बताया कि इनसे पूछताछ में और कई नाम सामने आए हैं। विवेचना जारी है। घटना में बारह लोग और शामिल हो सकते हैं। इधर डीआइजी डॉ. नीलेश आनंद भरणे का कहना है कि पुलिस क्षेत्र में तत्परता से आरोपितों की तलाश में जुटी हुई है। जल्द ही मामले के मुख्य आरोपितों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यदि आरोपित पकड़ में नहीं आए तो उनके खिलाफ वारंट जारी किया जाएगा।