(देहरादून) डीजी अनिल कुमार रतूड़ी ने अपने अनुभव साझा करते हुये कहा कि, “पूर्व में वर्ष-2010 में आयोजित हुये महाकुम्भ में लगभग तीन से चार करोड़ श्रद्धालुओं का आगमन हुआ था। इतनी अधिक संख्या में आये श्रद्धालुओं के लिया व्सवस्था करना एक चुनौती पूर्ण कार्य था। वर्ष-2021 में आयोजित होने वाले महाकुम्भ में इससे अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है, जिसमें भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबन्धन, सुरक्षा व्यवस्था, संचार आदि व्यवस्थायें करना पुलिस के लिये कई अधिक चुनौती पूर्ण होगा, जिसके लिये हमें अभी से तैयारियां करनी होगी।”
एडीजी अशोक कुमार ने महाकुम्भ-2021 के आयोजन के लिया तैयारियों के बारे में बताया।
- कुम्भ क्षेत्र में स्थित थाना, भवन का आंकलन कर उनको ठीक ठाक करना और नये भवनों के निमार्ण के सम्बन्ध में तैयारी करने के लिया कहा गया।
- विभाग में 2021 तक रिक्त होने वाले पदों का आंकलन कर समय से उन पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ करने के लिये शासन को प्रास्तव भेजा जाये
- कुम्भ क्षेत्र में स्थित पार्किंग स्थलों का जीर्णोधार तथा नये पार्किंग स्थलों का चिन्हीकरण करा जाये।
- सीसीटीवी, ड्रोन एवं अन्य सुरक्षा सम्बन्धी उपकरणों की आवश्यकताओं का आंकलन कर लिया जाये,
- सुरक्षा, संचार एवं सर्विलांस की नवीनतम तकनीकों के उपकरणों सम्बन्धी प्रस्ताव तैयार कर लिया जाये
- हरिद्वार की तर्ज पर थाना मुनिकीरेती, ऋषिकेश व लक्ष्मणझूला में सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाया जायेगा जिसका एक एकिकृत कंट्रोल रुम रामझूला के पास बनाया जायेगा।
पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल को मेलाधिकारी एवं आयुक्त गढ़वाल से समन्वय स्थापित कर कुम्भ क्षेत्र के लिये पुलों के निर्माण में पुलिस विभाग का भी पक्ष रखने के लिये का गया है। रामझूला पर वन-वे व्यवस्था लागू किये जाने के लिये उसके करीब एक नया पुल के निर्माण का प्रस्ताव बनाया जाये। सहरनपुर-बिहारीगढ़-हरिद्वार बाईपास रोड़ से हरिद्वार को जोड़ने वाली फोर-लेन रोड़ में सड़क के जो टुकड़े सम्मलित नही किये गये हैं, उन्हे सम्मलित किये जाने के लिये शासन से अनुरोध किया जायेगा।