फजीहत से बचने को पुलिस आई हरकत में

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हरिद्वार। सभी धर्मों में दया को धर्म का मूल बताया गया है। यदि व्यक्ति में दया नहीं है तो वह धर्म के मार्ग का अनुसरण नहीं कर सकता और न ही सच्चे अर्थों में मानव कहलाने का अधिकारी है। आज हम भले ही धर्म की दुहाई दें। धर्म के नाम पर लोगों में वैमनस्यता फैलाएं, किन्तु कहीं न कहीं हम भी मानवता से दूर होते जा रहे हैं। आज नैतिक व सामाजिक मूल्यों का तेजी से समाज में हस देखने को मिल रहा है। जिस का बड़ा कारण पाश्चात्यता का भारतीय संस्कृति पर तेजी से बढ़ता प्रभाव कहा जा सकता है। हरिद्वार में मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई हैं। जहां एक मृत व्यक्ति के शरीर को जानवरों से खाकर लगभग समाप्त कर दिया और किसी ने भी शव को बचाकर उसका संस्कार करने की जहमत तक नहीं उठाई।
बता दें कि बीते 15 दिन पहले मनसादेवी मार्ग पर एक युवक की लाश पड़ी हुई थी। लोगों ने इसकी सूचना पुलिस व वन विभाग को भी दी। हैरानी की बात ये है कि सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस शव को देखकर चली गयी और वन विभाग ने अपनी ड्यूटी पूरी करते हुऐ उस शव के ऊपर मट्टी डाल दी। मंगलवार को कुछ लोगों ने शव वाले स्थान से बदबू आने की बात कही। हैरानी की बात यह कि एक पखवाड़ा बीतने के बाद भी शव उसी स्थान पर पड़ा रहा। इसके बाद भी पुलिस को मामले की सूचना दी गई। किन्तु हैरानी के साथ मानवता को शर्मसार करने वाली बात यह कि शव को नहीं उठाया गया। कई बार सूचना देने के बाद भी शव को न उठाना मानवता पर बड़ा कलंक है। 15 दिनों से पड़े शव को जानवरों ने नोंच कर क्षत विक्षत कर दिया। बुधवार तक शव का केवल कुछ ही हिस्सा शेष था जो इस बात की गवाही दे रहा था कि शव मनुष्य का ही था। इस घटना ने एक बार फिर से पुलिय व वन विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। घटना के शहर में आग की तरह फैलने पर बुधवार की दोपहर बाद पुलिस हरकत में आई और उसने मौके पर जाकर शव की शिनाख्त के प्रयास किए। मृतक की तलाशी लेने पर उसकी शिनाख्त उमेश कुमार लोधी, उम्र 40 वर्ष, पुत्र प्रकाश चंद, निवासी गांव देबाई, बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश के रूप में की।