जो युवा अब पहाड़ों की रानी मसूरी का रुख करने वाले हैं उनके लिये शहर में घुसने के लिये अपने परिवार की इजाज़त लेनी ज़रूरी होगी। और बच्चों के पास माता पिता की परमीशन है या नही इसकी तस्दीक खुद मसूरी पुलिस करेगी।
मसूरी थाने की पहली महिला एसएचओ भावना कैंथोला ने इसकी तैयारी कर ली है। न्यूजपोस्ट से बात करते हुए उन्होने बताया कि “ये एक छोटी सी कोशिश है शहर में युवाओं के बीच बढ़ते शराब पीने और हुड़दंग करने के चलन को रोकने की।हम लगातार चैकिंग करेंगे और माता पिता की परमीशन को एक निरोधक की तरह इस्तेमाल किया जायेगा ताकि आने वाले समय में ये युवा भी बेहतर शहरी बन सके।”
देहरादून मसूरी के बीच के 33 किमी के रास्ते पर शराब पीकर गाड़ी चलाने की बढ़ती घटनाओं के कारण पुलिस ने कोल्हू खेत में चैकिंग अभियान शुरू कर दिया है। शराब पीकर गाड़ी चलाने को रोकने के लिये एसएचओ भावना अब पुरूष पुलिस बल के साथ साथ महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की तैयारी कर रही है।
पुलिस के इस कदम का मसूरी के लोग भी स्वागत कर रहे हैं। सुधांशु रावत की गाड़ी को पिछले महीने ही शराब के नशे में घुत छात्रों ने अपनी गाड़ी से टक्कर मार दी थी। वो कहते हैं कि “ज्यादातर माता पिता को इस बात के बारे मे जानकारी नही होती है कि उनके बच्चे देहरादून से मसूरी जा रहे हैं। ऐसे में न केवल छात्रों के लिये बल्कि सड़क पर चल रहे और लोगों के लिये भी ये छात्र खतरा बन जाते हैं। इस कदम से कम से कम छात्रों में डर रहेगा।”
मसूरी के व्यापारी रजत अग्रवाल कहते हैं कि “पुलिस इस कदम को किस तरह लागू करती है बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा। अगर जगह जगह इस तरह की चैकिंग होती रही तो शहर में यहां आने वाले रास्तों पर जाम लग सकता है जो कि व्यापार के लिये ठीक नही होगा।”
वहीं मसूरी निवसी गणेश सैली कहते हैं कि “ये सही तरीका है। मसूरी और आस पास के छात्रों में शराब पीकर हादसों का शिकार होना का चलन पिछले कुछ समय में काफी बड़ गया है।मसूरी देहरादून के रास्ते में हादसों को रोकने के लिये ये एक सार्थक कदम है।”
बहरहाल मसूरी में पुलिस के इस कदम को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही है पर इतना तो तय है कि लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों को रोकने के लिये कुछ सख्त कदम उठाने की ज़रूरत है और ये उन्ही में से एक है।