रुद्रपुर- एनएच मुआवजा घोटाले के आरोपी पूर्व विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी डीपी सिंह की धरपकड़ के लिए पुलिस ने फिर से कवायद तेज कर दी है। सिंह की गिरफ्तारी के लिए तीन टीम गठित की गई हैं। साथ ही उनके हाई कोर्ट और जिला न्यायालय में सरेंडर करने की संभावनाओं पर भी पुलिस नजर गड़ाए हुए है।
एनएच-74 मुआवजा घोटाले में एसआइटी अब तक निलंबित एक पीसीएस अधिकारी समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इधर गिरफ्तारी से बचने के लिए पूर्व एसएलएओ डीपी सिंह पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट की शरण में गए, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। इस पर पूर्व एसएलएओ डीपी सिंह ने बीते दिनों दोबारा सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी। सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने डीपी सिंह को पहले सरेंडर करने के आदेश पारित किए हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से राहत न मिलने पर पुलिस डीपी सिंह की तलाश में जुट गई है। इसके लिए पुलिस की तीन टीम, देहरादून व लखनऊ के साथ ही दिल्ली में उनकी तलाश में जुट गई है। वह नैनीताल स्थित उत्तराखंड हाई कोर्ट या फिर रुद्रपुर स्थित जिला न्यायालय में सरेंडर न करें, इसे देखते हुए भी पुलिस कोर्ट में आने जाने वालों पर नजर रखे है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक डीपी सिंह की तलाश की जा रही है।
एनएच मुआवजा घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने मंगलवार को जसपुर तहसील के पांच काश्तकारों से पूछताछ की। सुबह 11 बजे से शुरू हुई पूछताछ दोपहर दो बजे तक चली। इस दौरान काश्तकारों से भूमि की 143, मुआवजा संबंधी जानकारी ली गई। साथ ही उनके बयान दर्ज किए गए। एसआइटी के मुताबिक बुधवार को भी कुछ और काश्तकारों से पूछताछ होगी।
एनएच मुआवजा घोटाले में जसपुर और काशीपुर तहसील की जांच के बाद एसआइटी ने बाजपुर तहसील की जांच शुरू कर दी है। बाजपुर तहसील के दस्तावेजों का अध्ययन कर अब एसआइटी नोटिस भेजने की कवायद में जुट गई है। इसके लिए एसआइटी ने मंगलवार को बाजपुर तहसील के छह काश्तकारों को नोटिस भेजा है। साथ ही उन्हें निर्धारित तिथि पर उपस्थित होकर अपने बयान दर्ज कराने को कहा है।