नानकमत्ता डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या वर्चस्व को लेकर को गई थी। पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल दोनों अभियुक्तों की मदद करने वाले चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि इस हत्याकांड के दोनों हत्यारोपित और साजिशकर्ता अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं।
बाबा तरसेम सिंह की हत्या गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब सहित तराई के अन्य डेरों पर वर्चस्व को लेकर की गई थी। इस हत्या के लिए सबरजीत सिंह और अमर जीत सिंह को 10 लाख रुपये की सुपारी दी गई। प्रथम किश्त के रूप में दोनों हत्यारोपितों को एक लाख साठ हजार रुपये एडवांस दिए गए थे। हत्या की इस साजिश में शाहजहांपुर के दिलबाग सिंह, पीलीभीत के अमनदीप सिंह काला,हरमिंदर सिंह और बलकार सिंह भी शामिल थे। आरोपित अमनदीप सिंह नानकमत्ता गुरुद्वारा का कर्मचारी था और उसकी सूचना के बाद ही अभियुक्त सबरजीत सिंह और अमर जीत सिंह ने डेरा कार सेवा परिसर में बैठे बाबा तरसेम की गोली सरकार हत्या की थी। हत्या के बाद दोनों अभियुक्त शाहजहांपुर पहुंचे थे। उन्होंने दिलबाग से पांच लाख रुपये लिए और फरार हो गए।
एसएसपी मंजू नाथ टीसी ने गुरुवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि सीसीटीवी फुटेज और मैनुअल इनपुट के आधार पर एसआईटी की टीम इन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर सकी। एसएसपी ने बताया कि सभी आरोपितों ने कुछ लोगों के इशारे पर इस हत्याकांड को अंजाम दिया था और इसके पीछे नानकमत्ता कार सेवा और तराई क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण डैरो पर प्रबंधन और वर्चस्व पाना था। उन्होंने कहा कि हत्यारोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुरस्कार की राशि पचास हजार से बढ़ाकर एक लाख करने की कार्रवाई की जा रही है।