हरिद्वार। उत्तराखण्ड पुलिस के सरकारी वाहन से स्कूली बच्चों को ढोने का मामला प्रकाश में आया है। वाहन पर उत्तराखण्ड पुलिस का लोगों भी लगा था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मुकद्मा दर्ज कर लिया है। विदित हो कि हरिद्वार पुलिस ने वाहन को निष्प्रयोजन हो जाने के कारण उसे नीलामी में बेच दिया गया था। उक्त वाहन को सहारनपुर के एक व्यक्ति ने नीलामी में खरीदा था। हरिद्वार पुलिस ने वाहन को बेचने के साथ उक्त वाहन को नाम परिवर्तित कराने के लिए एआरटीओ के कागज भी दिए थे, लेकिन खरीददार ने वाहन का नाम परिवर्तित कराने की बजाय दूसरे व्यक्ति को बेच दिया। इस पूरे मामले का सच पता चलने के बाद सिडकुल पुलिस ने आरोपी खरीददार के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
बता दें कि विगत दिवस आरटीओ सहारनपुर ने चेकिंग के दौरान एक वाहन टाटा सूमो नं. यूए-08सी 9685 को स्कूली बच्चों को ले जाते हुए सीज किया था। वाहन को कामिल पुत्र अजगर निवासी काजीपुर सहारनपुर चला रहा था। वाहन पर पुलिस मोनोग्राम बना था और उक्त वाहन डीजीपी उत्तरांचल देहरादून के नाम पंजीकृत था। उपरोक्त सम्बन्ध में पुलिस विभाग की ओर से बताया गया है कि उपरोक्त वाहन यूए-08सी-9685 पूर्व में पुलिस विभाग द्वारा ही क्रय किया गया था। वाहन जनपद हरिद्वार को आवंटित हुआ था। निष्प्रयोज्य होने पर उक्त वाहन को 30 मई 2016 को नीलामी के द्वारा इजहार अहमद पुत्र इसरार निवासी ग्राम, मौहल्ला सीराजान जनपद सहारनपुर को विक्रय कर दिया गया था। हरिद्वार पुलिस द्वारा क्रेता इजहार अहमद को वाहन के साथ वाहन के समस्त कागजात व सेल लेटर दिए गए। वाहन क्रेता इजहार अहमद ने वाहन को अपने नाम न कराकर उसे आगे बेच दिया। वर्तमान में वाहन में पुलिस मोनोग्राम लगाकर वाहन का गलत रुप से व्यवसायिक प्रयोग किया जा रहा था। पूरे प्रकरण की जानकारी लगने के बाद पुलिस महकमे ने पूरी गंभीरता दिखाई। तत्काल पुलिस के वाहन को खरीदने वाले आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी व कई संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार करेंगी।