कुमाऊं आयुक्त डी सेंथिल पांडियन के तबादले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश सरकार पर फिर हमलावर हुई हैं। उनका कहना है कि एनएच घोटाले में हुई जबरदस्त किरकिरी के बाद सरकार ने ईमानदार एवं सख्त अधिकारी को घोटाले की भेंट चढ़ा दिया।
डॉ. इंदिरा ने कहा कि एनएच-74 घोटाले का सच कुमाऊं आयुक्त पांडियन ने ही उजागर किया था। सख्त एवं ईमानदार अधिकारी की छवि वाले अधिकारी को प्रोत्साहन के बजाय भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात कहने वाली भाजपा अपना असली चेहरा एक बार फिर जनता के सामने उजागर कर चुकी है। सीएम त्रिवेंद्र रावत की सीबीआई जांच की सिफारिश को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ही खारिज कर दिया था। अब राज्य सरकार पांडियन का तबादला कर इस पूरे मामले पर ही पर्दा डालना चाह रही है। पांडियन का न तो कार्यकाल पूरा हुआ है और न सरकार के समक्ष कोई मजबूरी थी।
सिवाय एनएच घोटाले को छिपाने के। डॉ. इंदिरा ने कहा कि सरकार की पहचान जनहित वाले विकास कार्यो को गति देने से बनती है। पखवाड़े भर के भीतर दो बार वरिष्ठ अधिकारियों को फेंटकर सरकार महज अपनी कमजोरियों की खीझ उतार रही है। भाजपा व सरकार की छवि धूमिल हो चुकी है और जनता सच जान चुकी है।