यात्रा व्यवस्थाओं पर तेज हुई राजनीति

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2017 चार धाम यात्रा सीजन की पहली मुश्किल क्या आई सरकार और विपक्ष में राजनीतिक नंबर बनाने की रस्सा कस्सी भी शुरू हो गई है। शुक्रवार को जोशीमठ के हाथीपर्वत पर चट्टान खिसकने से बद्रीनाथ मोटर मार्ग बाधित हो गया है। इसके चलते यात्रियों को आवाजाही में दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार का कहना है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिये उसके पास पर्याप्त संसाधन हैं। और वो सभी इस समय जोशीमठ और आसपास के इलाकों में फंसे हुए यात्रियों की मदद के लिये लगाये गये हैं। इसके साथ ही सरकार, प्रशासन और बीआरओ के अधिकारी और कर्मचारी पूरी मेहनत कर रास्ते को जल्द से जल्द खोलने के लिये कार्य कर रहे हैं। सरकार ने ये भी कहा है कि मीडिया में हजारों यात्रियों के फंसे और यात्रा रुकने की खबरें भी गलत हैं। सरकार की तरफ से जारी बयानों के मुताबिक करीबन 1800 यात्रियों को अलग अलग जगहों पर रोका गया है। इसके साथ उनके रहने और खाने पीने की पूरी व्यवस्थाऐं की जा रही हैं।

बहरहाल मामला यात्रा की तैयारियों का हो और उस पर राजनीति न हो ये तो मुश्किल है। सो इस बहस में कांग्रेस भी कूद पड़ी है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा है कि इस बार यात्राओं की तैयारी के लिये त्रिवेंद्र सरकार ने:

  • यात्रा शुरू होने से पहले बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति भंग कर दी
  • हवाई सेवाओॆं के लिये दिया गया टेंडर रद्द कर दिया।
  • धाम में खाने की थालियां महंगी कर दी
  • केदारनाथ में वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिये पैसे रोक दिये

रावत का आरोप है कि सरकार ने यात्रा की तैयारियों के नाम पर महज कांग्रेस सरकार के किये कामों को रोका है। बहरहाल उम्मीद यही है कि इन सभी आरोप प्रत्यारोपों के बीच चारधाम यात्रा के लिये पहुंच रहे लाखों श्रद्धालुओं के लिये आने वाले दिन सुखद और सुगम यात्रा के होंगे।