(हरिद्वार) किन्नर बने व्यक्ति की मौत के मामले में पीड़ित पुत्र को न्याय दिलाने के लिए कैबिनेट मंत्री की संस्तुति भी काम नहीं आई। संस्तुति के बाद भी पुलिस ने जांच में लीपापोती कर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया। इससे षडयंतकारियों के हौंसले और बुलंद हो गए हैं। उधर पीड़ित की शिकायत पर बैंक खाते के लेनदेन पर लगी रोक को भी बैंक मैनेजर ने हटाते हुए रकम को आरोपी किन्नरों के खातों में हस्तांतरित कर दिया है। इसके बाद पीड़ित न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का मन बना रहा है।
बता दें कि हरिद्वार स्थित निर्मल सराय में रहने वाले भूपराम से राम देई किन्नर बने व्यक्ति की जौलीग्रांट में उपचार के दौरान 20 दिसम्बर को मौत हो गई थी। मौत के बाद किन्नर रामदेई के पुत्र सुनील ने उसके अंति संस्कार की सारी रश्में अदां की थीं। अपने पिता की मौत संदिग्ध होने का पता लगते ही सुनील ने मेडिकल रिपोर्ट निकलवाकर पुलिस से न्याय की गुहार लगाई थी। मेडिकल रिपोर्ट में लिखा था कि रामदेई की मौत गुर्दों में गंभीर चोट लगने व गला दबाने के कारण दिल का दौरा पड़ने से हुई। एसएसपी हरिद्वार को न्याय की गुहार लगाते हुए सुनील ने जो पत्र दिया था, उस पर उत्तराखण्ड की कैबिनट मंत्री रेखा आर्य की संस्तुति थी। मंत्री रेखा आर्य की संस्तुति का पत्र मिलते ही पुलिस हरकत में आई, किन्तु आरोपी भाजपा के पूर्व सभासद की राजनीतिक पहुंच के चलते जांच को भी ग्रहण लग गया और जांच में पुलिस ने पीड़ित को रामदेई का पुत्र न होने की रिपोर्ट लगा दी।
मामले में पुलिस ने भले ही जांच में रिपोर्ट लगाकर अपने कार्य की इतिश्री कर ली, किन्तु पीड़ित का न्याय राजनीति की भेंट चढ़ गया। सूत्र बताते हैं कि इस मामले में भी आरोपी पूर्व सभासद ने एक मंत्री के रसूक का इस्तेमाल किया।
आरोपी पूर्व सभासद के रसूक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब पीड़ित ने बैंक खातों के लेनदेन पर रोक संबंधी प्रार्थनापत्र बैंक मैनेजर को दिया तो खातों पर रोक के बाद अचानक लेनदेन से रोक हटाकर आरोपी किन्नरों के खातों में रकम हस्तांतरित कर दी गई। मंत्री की संस्तुति के बाद भी जांच में लीपापोती होने से परेशान पीड़ित सुनील अब न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का मन बना चुका है। सुनील का कहना है कि जब तक उसके पिता की संदिग्ध मौत की गुत्थी नहीं सुलझती और उसे न्याय नहीं मिलता वह इस लड़ाई को जारी रखेगा। सुनील ने आरोपियों से अपनी जान को भी खतरा बताया है।