उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध चारधाम में शुमार गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर्व पर दोपहर 12.01 बजे विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इसके बाद मां गंगा की डोली गंगोत्री से अपने शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा के लिए रवाना हुई। आज गंगा जी की उत्सव डोली चंडी देवी मंदिर में रात्रि प्रवास करेगी जबकि, गुरुवार यानी 27 अक्टूबर को मां गंगा की मूर्ति मुखबा स्थित मंदिर में विराजमान होगी।
बुधवार को सुबह से ही गंगोत्री धाम में गंगा की विदाई की तैयारियां शुरू हो गई थीं। इस मौके पर गंगोत्री धाम को रंग बिरंगे फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया था। कपाट बंद करने से पहले गंगा जी का अभिषेक करने के साथ ही गंगालहरी, गंगा सहस्त्रनाम पाठ किया गया। इस दौरान गंगोत्री मंदिर में श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति के दर्शन किए। तय मुहूर्त पर 12 बजकर 1 मिनट पर गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए.। इसके बाद गंगा जी की भोग मूर्ति को डोली यात्रा के साथ मुखबा के लिए रवाना किया गया।
जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री बैंड और स्थानीय ढोल दमाऊं की अगुआई में डोली यात्रा भैरोघाटी होते हुए रात्रि विश्राम के लिए चंडी देवी मंदिर पहुंचेगी। वहां सभी पुरोहित रात्रि विश्राम करेंगे। इसके बाद गुरुवार सुबह गंगा जी की उत्सव डोली मुखबा गांव जाएगी, जहां शीतकाल में मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे। गंगोत्री में सेना की ओर से श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क मेडिकल कैंप और भंडारा का आयोजन किया।
27 अक्टूबर को बंद होंगे यमुनोत्री धाम के कपाट-
भैया दूज पर 27 अक्टूबर को दोपहर 12.09 बजे यमुनोत्री के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। 27 अक्टूबर की सुबह यमुना की डोली लेने के लिए खरसाली गांव से शनि महाराज की डोली यमुनोत्री पहुंचेगी। इसके बाद शनि महाराज के नेतृत्व में मां यमुना की डोली खरसाली पहुंचेगी। कपाट बंद होने तक खरसाली में स्थित यमुना मंदिर में मां यमुना के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे।