मिसालः लड़कियों ने संभाली जेसीबी और चीर दिया चट्टानों का सीना

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“एक औरत का सबसे सुंदर श्रृंगार उसका जुनून है” और इस बात को सच करती हैं उत्तराखंड राज्य की वह लड़कियां जो अपने जज्बे और जुनून से वो कर रही जो यहां के लड़के सोचने में भी कतराते हैं।

जी हां, राज्य में हो रही आफत की बारिश में कुछ लड़कियां ऐसी हैं जो बिना अपने आराम की परवाह किए अपना पूरा समय राज्य में आने वाले यात्रियों की सुविधा में लगी हैं। लगभग सभी क्षेत्रों में अपने जज्बे का लोहा मनवा चुकी लड़कियां अब केदारनाथ पुर्ननिर्माण में भी हाथ बंटा रही हैं। राज्य की 13 लड़कियां समुद्री तल से लगभग साढ़े 11 हजार फीट ऊंचाई पर विशम परिस्थितियों में जेसीबी, पोकलैंड और हाइड्रा जैसी मशीनें ना केवल चला रही बल्कि बहुत ही बखूबी वह इनको संभाल रही हैं।

बरसात का मौसम वैसे भी राज्य में कठिनाइयों से भरा होता है और ऐसे में केदारनाथ जहां आजकल बहुत ठंड होती है वहां कुछ लड़कियां ना केवल रह रही हैं बल्कि हर सुबह 8:30 बजे अपनी-अपनी ड्यूटी पर लग जाती हैं। इसके बारे में और बात करते हुए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के मीडिया प्रभारी नायब सूबेदार मनोज सेमवाल ने बताया कि, “यूथ फाउंडेशन बहुत सी लड़कियों को फौज की ट्रेनिंग दे रहा है, और उनमें से ही कुछ लड़कियां अब केदारनाथ पुर्ननिर्माण में हमारा साथ दे रहीं है। मनोज ने बताया कि, “जब कर्नल कोठियाल ने कहा कि हमे केदारनाथ के काम में लड़कियों से मदद मिल सकती है तो लगभग सभी लड़कियां तैयार थी, लेकिन केदारनाथ का मौसम और दूसरी बातों को ध्यान में रखते हुए हमने 13 लड़कियों का चयन किया। पिछले 4 साल से निम और यूथ फाउंडेशन केदारनाथ में पुर्ननिर्माण का काम कर रहा है और अब इस काम में लड़कियां भी लड़कों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं।”

मनोज सेमवाल ने बताया कि, “लड़कियों के चयन से पहले हमने एक सूची बनाई की हम क्या-क्य़ा काम लड़कियों से करा सकते हैं और फिर व्हाट्सएप के माध्यम से इसका प्रचार किया कि हमें कुछ लड़कियों की जरुरत है और चौकाने वाली बात यह है कि सभी लड़कियां यहां आने को तैयार थी लेकिन हमने पहला बैच 13 लड़कियों का लिया।”

आपको बतादें कि यह सभी लड़कियां अलग-अलग काम करती हैं जैसे कि जेसीबी, हाइड्रा, एयरोडोक्स का संचालन, स्टोन कटिंग, वायर लेसिंग आदि। इन 13 लड़कियों में 3-4 लड़कियां नेहरु इंस्टिट्यूट ऑफ माउंटेयरिंग से है जिन्होंने वहां से बेसिक ट्रेनिंग ली है, बीते दिनों मंदाकिनी में बढ़े पानी के स्तर के दौरान बनाए गए रोपवे में इन लड़कियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और रोपवे तैयार होने पर सबसे पहले ट्रायल भी इन्होंने लिया।

मनोज ने बताया कि अभी केदारनाथ में लगभग 400 लोगों की टीम काम कर रही है जिसमें अब यह लड़कियां भी शामिल हैं।उन्होंने कहा कि इन सभी लड़कियों ने अपना काम बहुत ही कम समय में सीख लिया और आज एक प्रोफेशनल की तरह काम कर रहीं हैं।

13 लड़कियों की टीम में:

  • विनिता पंवारः स्टोन कटिंग मशीन
  • ममता रावतः मैकेनिकल सेक्शन
  • गंगाः हाइड्रा ऑपरेटर
  • निमा नेगीः जेसीबी ऑपरेटर
  • गुंजन रावतः मैकेनिकल सेक्शन
  • कंचन गौरः मैकेनिकल सेक्शन
  • वंदनाः इलेक्ट्रिशियन
  • वंदना राणाः क्वाटर मास्टर
  • अमृता राणाः ऑफिस कोऑर्डिनेटर
  • पूजा टिंडूड़ी,किरन,शालिनी,रचना नौटियाल वायर मेस,लेसिंग औऱ पेटिंग का काम कर रही हैं।

13 लड़कियों के इस ग्रुप में से टीम न्यूजपोस्ट ने विनिता से खास बातचीत की। विनिता ने हमें बताया कि वह स्टोन कटिंग का काम कर रहीं है और उन्हें यह काम सीखने में केवल दो दिन का समय लगा। विनिता ने बताया कि, “केदारनाथ में लगातार बारिश और मौसम खराब होने की वजह से यहां ठंडक जरुर है पर इससे हमारे काम पर कोई फर्क नहीं पड़ता।हम सुबह 8:30 बजे से शाम को पांच से छ: बजे तक काम करते हैं।” विनिता से यह पूछने पर कि क्या उनका परिवार उनको इस काम में सहयोग दे रहा है इसपर उनका कहना था कि मेरे परिवार से मुझे पूरी सहयोग मिल रहा है।

इस तरह से यह 13 लड़कियां एक मिसाल के तौर पर सामन आई है, जिनसे हर कोई प्रेरणा ले सकता है। ऊंचाई पर बसे केदारनाथ में कठिन परिस्थितियों में भी यह लड़कियां अपने जज्बे का लोहा मनवा रही है।

टीम न्यूजपोस्ट इनके जज्बे को सलाम करता है।

यहां देखें विडियोः