4 मई को 8 बजे जोशीमठ से गाडू घड़ा (तेल कलश) और राजगद्दी पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेगी। 11 बजे पांडुकेश्वर पहुंचने के बाद कल रात्रि विश्राम योगध्यान बद्री मंदिर में ही रहेगा। 5 मई को सुबह 10 बजे कुबेर जी, उद्धव जी की डोली और राजगद्दी व गाडू घड़ा बद्रीनाथ के लिए प्रस्थान करेंगे साथ में मुख्य पुजारी रावल और सहायक पुजारी भी साथ चलेंगे भारी संख्या में श्रद्धालु भी रहेंगे और रात्रि प्रवास बद्रीपुरी में नियत स्थान पर करेंगे। 6 मई को सुबह ब्रहम मुर्हत में 4 बजकर 15 मिनट पर भगवान बद्री विशाल के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे इसी के साथ बद्रीनाथ में नारद पूजा संपन्न होकर मानव पूजा का आरंभ हो जाता है।
श्रद्धालु अखण्ड दीप के दर्शन करेंगे और भगवान बद्री विशाल के निर्वाण दर्शनों का लाभ भी लेंगे। मूर्ति की स्थिति देखकर धर्माधिकारी और रावल जी ईष्ट के माध्यम से भारत का भविष्य बताएंगे, जबकि इस दिन पूरे दिन श्रद्धालुओं के लिए बद्रीनाथ के द्वार खुले रखें जाएंगे और सुबह भगवान को स्नान के पश्चात् बाल भोग लगाया जाएगा। 11 बजे भगवान का आभूषणों से श्रृंगार किया जाएगा उसके बाद मध्यान भोग लगेगा चंदन आरती, कंचन आरती व स्वर्ण आरती उतारी जाएगी, दिन भर करीब 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करेंगे। शाम को भगवान की सांघ्यकालीन भोग व आरती के पश्चात करबी 9 बजे पूजाएं संपन्न होंगी। पहले दिन बद्रीनाथ में भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बद्रीनाथ के मुख्यकार्याधिकारी, मंदिर समिति के अध्यक्ष सहित सैकड़ों जनप्रतिनिधि , मडिया व श्रद्धालु उपस्थित रहेंगे।
इस बार बद्रीनाथ में प्रसाद के अलावा मंदिर के अंदर किसी भी तरह की इलैक्ट्रोनिक डिवाइस व बैग इत्यादि ले जाने की मनाही है, सुरक्षा कारणों से सघन चेकिंग भी की जाएगी। श्रद्धालुओं को लंबी लाइन में न लगना पड़े उसके लिए टोकन सिस्टम विकसित किया गया है साथ ही सूचना संचार माध्यमों पर भी उपलब्ध रहेगी।