ऋषिकेश, देवाधिदेव महादेव भगवान शंकर का महाशिवरात्रि पर्व 21 फरवरी को है। इसको लेकर शिवालयों में सजावट का काम शुरू हो गया है। भोले बाबा का त्योहार निकट आते ही भक्तों में भोले नाथ को प्रसन्न करने के लिए बेताबी बढने लगी है।
महाशिवरात्रि पर्व पर मणिकूट पर्वत स्थित शिवधाम नीलकंठ महादेव मंदिर में बड़ी तादाद में श्रद्वालु जलाभिषेक करते हैं। शहर के सिद्धपीठ चन्द्रेश्वर महादेव, सोमेश्वर महादेव और वीरभद्रेश्वर महादेव मंदिर में भी हजारों की संख्या में भक्त पहुंचकर भोले बाबा को प्रसन्न करते हैं। महाशिवरात्रि के इस दिन को लेकर मान्यता है कि संसार का प्रारंभ इसी दिन से हुआ था, तो किसी का मानना है कि इसी दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था।
उधर उत्तराखंड के प्रमुख ज्योतिषाचार्य पंडित राजेंद्र नौटियाल ने बताया कि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन आने वाली शिवरात्रि को सिर्फ शिवरात्रि कहा जाता है लेकिन फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी के दिन आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। इसे कुछ लोग सबसे बड़ी शिवरात्रि के नाम से भी जानते हैं। इस दिन शिवमंदिरों सहित शिवालयों में आस्था के साथ जलाभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मनोवांछित मनोकामना पूर्ण करते हैं।