कोरोना के इस संक्रमण काल में जमातियों और प्रवासियों के उत्तराखंड में आने के बाद अब यहां के लोगों को चार धाम के दर्शनार्थियों के आने का भय सताने लगा है। इसके मद्देनजर बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल और धर्माधिकारी ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर 30 जून तक यात्रा संचालित न करने का आग्रह किया है।
कोरोना महामारी का डर अब उत्तराखंड के देवालयों पर भी मंडराने लगा है। दरसअल आठ जून से यात्रा शुरू करने की एडवाइजरी के बाद यहां प्रशासन ने यात्रा को लेकर बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। इसके मद्देनजर श्री बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी आचार्य भुवन च्रद उनियाल व अपर धर्माधिकारी आचार्य सत्य प्रसाद चमोला सहित बदरीनाथ मे वर्तमान मे निवासरत कर्मचारी, हक-हकूकधारी समाज ने मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी के मार्फत ज्ञापन भेजा है।
पत्र में कहा गया है कि अभी तक श्री बदरीनाथ धाम पूर्णतया सुरक्षित है किंतु जिस प्रकार कोरोना संक्रमितों की संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है, उससे बदरीनाथ धाम के निवासी भी भयभीत हैं। इस बीमारी का एकमात्र उपचार शारीरिक दूरी है और यदि तीर्थयात्री बदरीनाथ पंहुचते हैं तो मंदिर परिसर आदि क्षेत्रों मे शारीरिक दूरी का यथोचित पालन कराया जाना संभव नही हो सकेगा। ऐसे मे किसी भी बाहरी ब्यक्ति का बदरीनाथ पंहुचना बेहद खतरनाक साबित होगा। अब कहीं दर्शनार्थियों के कारण संक्रमण न बढ़े, इसके लिए घोषित आठ जून की तिथि पर पुनर्विचार करते हुए 30 जून तक तीर्थयात्रियों व बाहरी व्यक्तियों को धाम मे प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
इसमें कहा गया है कि यदि कदाचित धाम तक यह संक्रमण पंहुचता है तो यहां मेडिकल तक की सुविधा नहीं है और बदरीनाथ से जोशीमठ व ऋषिकेश तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य चलने के कारण घंटों तक वाहन बदरीनाथ से जोशीमठ तक नहीं पंहुच पा रहे हैं। ज्ञापन पर मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंद्र उनियाल, अपर धर्माधिकारी आचार्य शिव प्रसाद चमोला, दफेदार कृपाल सनवाल, हरेन्द्र सिंह भंडारी, सुरेन्द्र सिंह पंवार, नारायण दत्त भटट, दिनेश रावत, प्रकाश रतूड़ी, शिव प्रसाद डिमरी, अरुण कुमार डिमरी, अरविंद डिमरी, रमेश डिमरी, विजय मेहत्ता, सतीश सनवाल, जगमोहन भंडारी सहित बदरीनाथ मे रह रहे करीब 30 लोगों के हस्ताक्षर हैं।