(देहरादून) उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) में किए गए कार्मिकों के तबादले पर विवाद शुरू हो गया है। उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने इसे ट्रांसफर एक्ट का उल्लंघन बताते हुए विद्वेषभाव से अवर अभियंताओं का तबादला करने का आरोप लगाया है। इस मुद्दे पर बुधवार को एसोसिएशन की यूजेवीएनएल मुख्यालय में बैठक हुई।
प्रांतीय अध्यक्ष अरविंद त्रिपाठी ने कहा कि शासन ने भी यूजेवीएनएल को चिट्ठी भेजी है। इसमें एक्ट का अनुपालन करने और आ या शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। एक्ट के अनुसार पहले यह निर्धारण करना था कि कौन कार्मिक कितने समय से दुर्गम और सुगम में तैनात है। इसके अनुसार तबादले होने थे। इतना ही नहीं, एक आदेश 17 मार्च को जारी किया गया। इसके बाद एक-दो दिन पहले कुछ कार्मिकों का ट्रांसफर स्थगित किया और फिर इस आदेश को स्थगित कर दिया। एसोसिएशन ने इन ट्रांसफर को निरस्त करते हुए दोबारा से एक्ट के अनुसार प्रक्रिया पूरी करते हुए आदेश जारी करने की मांग की। वहीं, उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) में भी बुधवार को दो सहायक और दो अधिशासी अभियंता के ट्रांसफर किए गए हैं। यह भी एक्ट के अनुसार नहीं हुए। गुरुवार को प्रबंध निदेशक से संयुक्त संघर्ष मोर्चे की वार्ता है, जिसमें यह मुद्दा उठ सकता है। बैठक में आनंद सिंह रावत, संदीप शर्मा, अतुल शर्मा, विकास चौहान, राकेश नेगी, विरेंद्र तिवारी, दिनेश सेमवाल, रतनेश बिष्ट आदि मौजूद रहे। वहीं, यूजेवीएनएल के निदेशक मानव संसाधन अविनाश चंद्र ने बताया कि ट्रांसफर एक्ट का अनुपालन इसलिए नहीं हुआ, क्योंकि ट्रेनी बैच के तबादले किए गए हैं।