जलविद्युत परियोजनाओं से उत्पादन का स्तर गिरा

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देहरादून। ठंड बढ़ने पर नदियों में जल प्रवाह कम होने के चलते महीने भर के अंतराल में जलविद्युत परियोजनाओं से उत्पादन आधे से भी कम हो गया है। राज्य की परियोजनाओं से वर्तमान में महज नौ मिलियन यूनिट (एमयू) बिजली उत्पादन हो रहा है, जबकि बिजली मांग करीब 35 एमयू बनी है।

खैर, राहत की बात ये है कि बाजार, बैंकिंग, केंद्रीय पूल आदि से मिलाकर बिजली मांग पूरी हो जा रही है, लेकिन अगले कुछ दिनों में बर्फबारी होने और ठंड बढ़ने के साथ-साथ नदियों का जलप्रवाह और कम होगा, इससे निश्चित तौर पर बिजली उत्पादन कम होगा, ऐसे में राज्य में बिजली संकट गहरा सकता है। उत्तराखंड जलविद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) की राज्य में 1284.85 मेगावाट क्षमता की कुल 13 परियोजनाएं हैं। सर्दियों में ग्लेशियरों से कम बर्फ पिघलने से नदियों में जलप्रवाह घटता है, जिससे बिजली संकट की स्थिति बनती है। हालांकि काशीपुर स्थित गैस आधारित परियोजनाओं से लंबी अवधि करार और पंजाब से बैंकिंग के चलते इस मर्तबा अभी तक संकट दूर है। ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता एवं प्रवक्ता एके सिंह का कहना है कि बिजली की कोई कमी नहीं होगी। रिटर्न बैकिंग के रूप में पंजाब से बिजली मिल रही है, अगर जरुरत पड़ी तो बाजार से बिजली खरीद ली जाएगी।