दुर्दशा का शिकार हुआ 50 लाख से निर्मित नैनीताल का ग्लास हुआ

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नैनीताल

नैनीताल की प्रसिद्ध ठंडी सड़क पर नैनीताल जिला विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित ग्लास हाउस अपनी दुर्दशा का शिकार हो गया है। संरक्षण के लिए किसी को जिम्मेदारी न सौंपे जाने के कारण इसकी हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। ग्लास हाउस का दरवाजा, छत का एक शीशा लंबे समय से टूटे हुए हैं। भीतर लोग पार्टी करते, आग जलाते और नशा करते देखे जा रहे हैं। सजावट के लिए रखे नमूनों में सिगरेट के टुकड़े भरे पड़े हैं। दीवारों पर प्रेमी-प्रेमिकाओं ने अपने नाम और संदेश लिखकर इसकी सुंदरता को और क्षति पहुंचायी है।

उल्लेखनीय है कि नैनीताल जिला विकास प्राधिकरण ने इस ग्लास हाउस का निर्माण सैलानियों को आकर्षित करने और ठंडी सड़क की शोभा बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में लगभग 50 लाख रुपये की लागत से किया था। शुरूआत में यह पर्यटकों के लिए एक खास आकर्षण था, लेकिन रखरखाव के अभाव में अब यह उपेक्षा का शिकार हो गया है। ग्लास हाउस के भीतर असामाजिक गतिविधियाँ बढ़ती जा रही हैं। रात के समय यहाँ लोग आग जलाकर गर्मी लेते हैं और नशे का सेवन करते हैं। सजावटी सामानों में सिगरेट के अवशेष और दीवारों पर लिखे संदेश इसकी बदहाली की कहानी बयान करते हैं। पास में ही नैनी झील में चल रहे एयरेशन कार्य की इकाई और शनि देव व ग्वेल देवता के मंदिर होने के बावजूद इसकी देखभाल के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। पर्यटक और स्थानीय लोग इसकी दुर्दशा से नाराज हैं।

स्थानीय लोगों और सैलानियों का कहना है कि यदि ग्लास हाउस के संरक्षण की जिम्मेदारी किसी संस्था या व्यक्ति को सौंपी जाये तो इस समस्या का समाधान हो सकता है। नियमित देखभाल और निगरानी से इसे फिर से पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाया जा सकता है। नैनीताल जिला विकास प्राधिकरण से इस दिशा में कदम उठाने की अपील की जा रही है।