हल्द्वानी- सूबे के मुखिया जनता की समस्याओं के समाधान के लिए जनता दरबार के माध्यम से हर शहर पहुंच रहे हैं और कोशिश कर रहे हैं कि जनता कि समस्याओं का समाधान आसानी से हो सके मगर जब विभागीय अधिकारी ही कुछ करने को तैयार नहीं है तो एसे में जनत दरबार के मायने ही नहीं रहते, बिना अधिकारियों की मौजूदगी में लग रहे सीएम के जनता दरबार से फरियादियों को नाराज और खाली हाथ ही लौटना पड रहा है।
हल्द्वानी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनता की समस्याओं को सुनने के लिए जनता दरबार लगाया। लेकिन हैरानी की बात तो ये हैं कि इस जनता दरबार में लोगों की परेशानियां सुनने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद ही नहीं थे। जिससे लोगों में जनता दरबार को लेकर नाराजगी देखने को मिली। हल्द्वानी के बीजेपी कार्यालय में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जन समस्याओं के निराकरण के लिए जनता दरबार लगाया। लेकिन इस जनता दरबार में सीएम के अलावा संबंधित विभागों के किसी भी अधिकारी को नहीं बुलाया गया, जिससे यह आयोजन सिर्फ ज्ञापन लेने तक ही सिमट कर रह गया।
जनता दरबार में पहुंचे फरियादियों का कहना है कि जब तक समस्या सीधे अधिकारियों के सामने नहीं रखी जाएंगी। तब तक समाधान की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह के जनता दरबार का आयोजन कर महज खानापूर्ति की गर्इ है। बीजेपी कार्यकर्ता खुद भी इस तरीके के आयोजन को लेकर नाखुश दिखे।