देहरादून, महिला हेल्पलाइन और वेबसाइट का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि महिलाओं से संबंधित योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।
महिला कल्याण एवं बाल विकास, मत्स्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्या की अध्यक्षता में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई। इस अवसर पर मंत्री ने महिला कल्याण एवं समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों द्वारा जनपद स्तर पर संचालित कार्यक्रमों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने महिला हेल्पलाईन 1098 तथा 181 के साथ ही विभागीय एप एवं वैबसाइट तैयार कर योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए, ताकि योजनाओं का लाभ पात्रों को अधिक से अधिक दिलाया जा सके। उन्होंने बैठक में आये जनपदों के प्राबेशन अधिकारियों से कहा कि यह विभाग सीधे-सीधे समाज से जुड़ा हुआ है तथा महिलाओं एवं बालिकाओं की सेवा कर एवं शिकायतों का निस्तारण कर विभाग को पूण्य कार्य करने के लिए प्रेरित हो ऐसी कोशिश किए जाने की आवश्यक्ता है।
बैठक में उन्होंने निराश्रित विधवा पेंशन एवं भरण पोषण अनुदान, परित्यक्त विवाहित महिला, निराश्रित महिला, मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्तियों की पत्नी एवं निराश्रित अविवाहित महिलाओं को भरण पोषण अनुदान के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बाल कल्याण समिति एवं जेजे बोर्ड की त्रैमासिक बैठकों को आयोजित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने फिट प्लेस और फिट पर्सन के माध्यम से भी नाबालिग बालक-बालिकाओं के भरण पोषण की व्यवस्था न्याय पंचायत स्तर पर सुनिश्चित करने को कहा।
बैठक में बताया कि महिला कल्याण के अन्तर्गत मदर्स डे, बालिका दिवस, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समेत अन्य महत्वपूर्णों दिवसों पर महिला कल्याण से सम्बंधित योजनाओं को प्रचारित प्रसारित कर जागरूकता फैलाई जाए। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि महिलाओं की शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण कराये साथ ही कौशल विकास के अन्तर्गत महिलाओं एवं बालिकाओं के साथ ही निराश्रित बालकों को भी विभिन्न व्ययसाय का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाये। उन्होंने बताया कि आंगनबाडी कार्यकत्रियों को ग्राम्य स्तर तक बाल संरक्षण समिति में सदस्य सचिव नामित कर ग्राम लेवल तक का डेटा तैयार किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने विभिन्न स्वैच्छिक संस्थाओं, जिनके माध्यम से दत्तक ग्रहण मंब लिए गये बच्चों के लिए किए जा रहे कार्यक्रमों एवं योजनाओं की जांच की जाए तथा यहां रह रहे बच्चों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाये जाने की बात कही। उन्होंने प्रत्येक जनपद में स्वरोजगार कलैण्डर बनाए जाने की भी बात कही। उन्होंने बच्चों की कांउसिलिंग किए जाने हेतु कांउसलर की नियुक्ति की योग्यता में शिथिलीकरण किए जाने के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।