मुख्यमंत्री और राज्य कैबिनेट को क्वारंटाइन की नही है जरूरत: स्वास्थ्य सचिव

0
662
File
सतपाल महाराज की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उत्तराखंड के राजनीतिक और प्रशासनिक हलके में हड़कम्प मचा हुआ है। इसकी बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई थी, जिसमें सतपाल महाराज शामिल हुए थे।
उधर, उत्तराखंड के सचिव (स्वास्थ्य) अमित नेगी ने रविवार देर रात कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए भारत सरकार की निर्धारित गाइडलाइन की जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के कान्टेक्ट ट्रेसिंग के संबंध मे प्रावधान है कि कान्टेक्ट का दो वर्गों में वर्गीकरण किया जाएगा। अधिक रिस्क वाले कान्टेक्ट और कम रिस्क वाले कान्टेक्ट। इस तरह अधिक रिस्क वाले कान्टेक्ट की दशा में 14 दिन के लिए गृह एकांतवास (होम क्वारंटाइन) किया जाएगा और आईसीएमआर के प्रोटोकोल के अनुसार टेस्ट कराया जाएगा। कम रिस्क वाले कान्टेक्ट अपना कार्य पहले की तरह कर सकते हैं। 14 दिनों तक उनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कैबिनेट बैठक में मंत्रीगण और अधिकारी भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सतपाल महाराज के क्लोज कान्टेक्ट में न होने के कारण कम रिस्क वाले कान्टेक्ट के अंतर्गत आते हैं। इसलिए वे अपना कार्य सामान्य रूप से कर सकते हैं और उन्हें एकांतवास किए जाने की आवश्यकता नहीं है।
शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में सतपाल महाराज के कांटेक्ट में कौन मंत्री या स्टॉफ के दूसरे लोग आए? यह एक गंभीर मसला है। जानकारों का कहना है कि अगर बैठक में शामिल होने वाले लोग सतपाल महाराज के सम्पर्क में आए हैं तो उनकी भी जांच होनी चाहिए, जो किसी चुनौती से कम नहीं है। यह मामला पूरी तरह से हाई-प्रोफाइल है और इसमें कई और लोगों के जद में आने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
उधर, राज्य के कोविड-19 कंट्रोल रूम द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार आज 158 लोगों की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। इनमें देहरादून के 49, हरिद्वार के 17, नैनीताल के 31, टिहरी के 3, अल्मोड़ा के 18, चंपावत के 4, उत्तरकाशी के 7, ऊधमसिंह नगर के 20, चमोली के 2, पौड़ी के 6 और रुद्रप्रयाग का एक मरीज है। इनमें से ज्यादातर लोगों की या तो ट्रैवेल हिस्ट्री दूसरे राज्यों की है या फिर राज्य में किसी कोरोना संक्रमित के कांटेक्ट में आने पर उनमें संक्रमण हुआ है।