सड़क पर घूमने वाले जानवरों को गलें में रेडियम कॉलर क्यों बांध रही पुलिस?

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राष्ट्रीय राजमार्ग 125 से रात को गुज़रने वाले वाहनों की चपेट में आने से जानवरों को लगातार खतरा बना रहता है। इसके चलते चंपावत पुलिस ने ड्राइवरों को सतर्क करने के लिए सड़क पर घूम रहे पशुओं की गर्दन में रेडियम कॉलर लगाने की मुहिम शुरु कर दी है। पुलिस के मुताबिक अब तक लगभग पांच दर्जन भटके हुए जानवरों के गले में कॉलर लगा दिए गए है।

चंपवात के पुलिस अधीक्षक धीरेन्द्र गुंज्याल ने कहा कि, “कुछ महीने पहले, रात को कम रोशनी के कारण टनकपुर और बनबसा में राष्ट्रीय राजमार्ग पर गाड़ियों ने तीन जानवरों को टक्कर मार दिया था। इसके अलावा, राजमार्ग पर भटक गए जानवर ड्राइवरों के लिए खतरा बने हुए है, इसलिए हमने जानवरों पर रेडियम कॉलर बांधने का फैसला किया है।”

टनकपुर और बनबसा मैदानी क्षेत्र हैं, और जिले के पहाड़ी क्षेत्रों की तुलना में इन क्षेत्रों में अधिक गड़ियां चलती हैं। पुलिस के अनुसार, लगभग 300-440 जानवर हैं जो नियमित रूप से सड़कों में प्रवेश करते हैं, जिससे क्षेत्र में यातायात के लिए लगातार खतरा पैदा होता हैं। रात में, जानवर अक्सर सड़कों के बीच खड़े होते हैं या बैठते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती हैं।

एसपी ने कहा कि “चंपावत पुलिस लाइन में बने यह कॉलर हमें महिला कल्याण समिति के सदस्यों द्वारा मिले हैं, जिन्हें हमने रेडियम स्टिकर और सूती पट्टियां दी थीं।हर कॉलर की कीमत 20 रुपये है।”

कॉटन से बने यह कॉलर सुरक्षित हैं और जानवरों को चोट नहीं पहुंचाएंगे। पुलिस ने कुछ बैल शहर के बाहर भी भेज दिए हैं क्योंकि ये पैदल चलने वालों के लिए खतरा पैदा कर रहे थे।

स्थानीय निकाय ऐसे भटक गए जानवरों के नियंत्रण के लिए ज़िम्मेदार है, लेकिन बुनियादी ढांचे की कमी की वजह से पुलिस ने ही यह पहल शुरू की है, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है।