हरिद्वार, प्रदेश में मंगलवार की रात अचानक मौसम ने करवट ली। राज्य के कई हिस्सों में अचानक बारिश और ओलावृष्टि हुई। हरिद्वार जिले के लक्सर में भी प्राकृतिक आपदा से भारी नुकसान हुआ। यहां तेज हवाओं के साथ बारिश होने से तापमान में गिरावट आ गई लेकिन इस बारिश से किसान के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ने लगी हैं।
बीती शाम हुई ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ। किसान की खून पसीने और मेहनत से तैयार की गई गेहूं की फसल पक चुकी है और कुछ समय बाद कटने को तैयार है लेकिन उसकी मेहनत की कमाई पर पानी फिर गया है। किसान इस समय लाचार और बेबस अपने आपको महसूस कर रहा है। ओलावृष्टि देखकर किसान काफी परेशान हैं। ज्यादा बारिश और ओलावृष्टि के चलते किसानों के सामने भूखे मरने की नौबत आ सकती है।
स्थानीय किसान सुधीर का कहना है कि खून पसीने से ये फसल उगायी है अगर ऐसे ही बारिश होती रही तो सारी फसल खराब हो जायेगी और भूखे मारने तक की नौबत आ जायेगी। इसके अलावा हमारे पास कोई दूसरा जरिया नहीं है। बीती शाम हुई ओलावृष्टि से किसानों की मेहनत की कमाई पर पानी फिर गया है। सभी फसल बर्बाद हो गई है।
उसमें गेहूं और सरसों आदि रबी की फसल भी शामिल है। किसान अजीत का कहना है कि लक्सर क्षेत्र के लगभग 20 गांव जिनमें फेरूपुर, कटारपुर मतौली इन गांव में ज्यादा नुकसान हुआ है। इन गांव की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। किसान परेशान औरर मजबूर हैं। सिर्फ भगवान के भरोसे हैं और प्रार्थना कर रहा कि मौसम ज्यादा खराब न हो, जिससे उसकी बची हुई फसल सुरक्षित रह सके और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके।
हरिद्वार जिले के मुख्य कृषि अधिकारी बृजेश कुमार यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से क्षेत्र के ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को अपने नजदीकी कृषि विभाग के कार्यालय में पहुंचकर नुकसान से संबंधित जानकारी देने की सलाह दी है। साथ ही उप जिलाधिकारी द्वारा क्षेत्र के हल्का लेखपालों को प्रभावित किसानों की फसलों की जानकारी एकत्र करने के लिए कहा गया है, ताकि प्रभावित किसानों को फसलों का मुआवजा जल्द से जल्द दिलाने हेतु आवश्यक कार्रवाई की जा सके।