देहरादून। बुधवार को राज्य के कई हिस्सों में हुई बारिश ने तपती गर्मी से आराम जरुर दिया है लेकिन इसका असर कहीं ना कहीं किसानों की फसलों पर भी पड़ा है। बीते दिन हुई बारिश और आंधी ने बहुत से आम के पेड़ों से आम के बौर यानि कोपलें गिरा दिए जिसे एक नुकसान की तरह देखा जा रहा है।
हालांकि इस बार मौसम का मिजाज समय से पहले गरम हो गया तो आम और लीची के पेड़ों पर पहले ही बौर आ गए। उत्तराखंड में इस बार जनवरी और फरवरी में वैसी ठंड और बर्फ नहीं पड़ी जैसी हर साल पड़ती है। और इस गर्मी का नतीज़ा यह रहा कि गर्मी भी पहले आ गई और पेड़ों के बौर भी पहले निकल गए।
बीते दिन हुई बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी ने कुछ हद तक फसलों को नुकसान जरुर पहुंचाया हैं लेकिन मौसम विभाग की मानें तो यह बारिश बाकी फसलों के लिए जरुरी थी।
मौसम विभाग निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि ”मार्च की यह बारिश जरुरी थी इससे फसलों को नुकसान पहुंचने का प्रतिशत कम है और फायदा ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि इस बारिश से लोगों की चिलचिलाती गर्मी से राहत मिली है जो मार्च के लिए अच्छे संकेत हैं।सिंह ने कहा कि आने वाले दिनों में मौसम साफ रहेगा और अच्छी धूप निकलेगी जिससे गर्मी बढ़ सकती है।”
किसानों के दूसरी फसलों के लिए यह बारिश जरुरी थी जबकि आम और लीची के बौरे गिरने से उन्हें नुकसान भी हुआ है।