मानसून का कहर: पहाड़ों पर मौसम की मार, भारी क्षति

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(देहरादून) पहाड़ों पर मॉनसून परेशानियों की बारिश लेकर आया है। आलम यह है कि प्राकृतिक आपदा के चलते कई स्थानों पर लोगों को भारी हानि हुई है। जिला पिथौरागढ़ में बारिश के कारण हिंगोला नोले में छह लोग बह गए। हालांकि बहने वालों में तीन लोगों को बचा लिया गया, लेकिन तीन अभी तक लापता हैं। वहीं, मानसरोवर यात्रा पर भी मौसम की मार पड़ी है। यात्रा रुकने के कारण यात्रियो को सु​रक्षित जगह पहुंचाया जा रहा है।
पिथौरागढ़ जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार तीन जुलाई को भारी बारिश के चलते हिंगोला नाले में जल स्तर बढ़ गया। जिस कारण छह लोग पानी में बह गए। इनमें 1 बालिका 1 महिला और चार पुरुष शामिल थे। बहने वालों में 1 बालिका और 2 पुरुषों को घायल अवस्था में बचा लिया गया। जबकि एक महिला व 2 पुरुष अभी भी लापता हैं। लापता हुए लोगों को की खोज और बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसएसबी, आईटीबीपी और राजस्व विभाग द्वारा की जा रही है। इसके अलावा इलाके में स्थिति को समान्य बनाए रखने के लिए राहत शिविर लगाए गए हैं। जनपद पिथौरागढ़ की तहसीलों के बारात घर, पंचायत घरों और राजकीय प्राथमिक विद्यालयों आदि स्थानों पर राहत शिविरों को लगाया गया है।

बारिश से हुआ भारी नुकसान

पिथौरागढ़ की तहसील बंगापानी में प्राकृतिक आपदा के कारण भारी नुकसान की सूचना है। यहां आपदा के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई। यहां गाय चराने जाते समय जंगल में चट्टान से गिरे पत्थर की चपेट में आने से नन्दन सिंह धामी पुत्र तिमर सिंह धामी की मौत हो गई। इसके साथ ही दो जुलाई को प्राकृतिक आपदा के कारण 4 परिवारों के पशुओं को भी भारी हानि पहुंची है। बारिश से तीन पक्के भवन व एक कच्चा मकान पूर्ण क्षतिग्रस्त हो गया। इतना ही नहीं 3 जुलाई को आपदा के चलते 19 मकानों को आंशिक रूप से क्षति पहुंचने की भी जानकारी मिली है। स्थानीय लोगों की फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
यात्रा भी रुकी
कैलाश मानसरोवर यात्रा भी मौसम खराब होने के रोक दी गई है। द्वितीय दल के 56 यात्री पिथौरागढ़ से वापस जागेश्वर के लिए प्रस्थान कर चुके हैं। वहीं, तृतीय दल के 59 यात्री तकलाकोट से गुंजी पहुंच चुके हैं। चौथे दल के 56 यात्री डेरापुक से ज्यूनजुईपू और पांचवें दल के 59 यात्री गुंजी से कालापानी पहुंच चुके हैं। छठे दल के 55 यात्रिायों को सकुशल गुंजी से नाभी पहुंचा दिया गया है। उत्तराकाशी और चमोली में अवरुद्ध मार्गों को खोल दिया गया है।