रंवाई घाटी में धूमधाम से मनाई गई मंगसीर की देवलांग

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देवलांग
बहुरंगी संस्कृति की धनी रवांई घाटी में ‘मंगसीर की देवलांग’ (बग्वाल) धूमधाम से मनाई गई। यह दीपपर्व है। देश-दुनिया में कार्तिक माह में दीपावली मनाने के एक माह बाद ‘मंगसीर की देवलांग’ का आयोजन किया गया।पूरे जिले में यह त्योहार उत्साह के साथ मनाया गया।
रंवाई घाटी के हर गांव में  ‘बग्वाल’ पौराणिक रीति-रिवाज के साथ मनाया जाता है। बग्वाल के इस त्योहार को रंवाई घाटी का बनाल क्षेत्र देवलांग के रूप में मनाता है । राजा रघुनाथ के मंदिर के सामने लंबी देवलांग यानी एक पेड़ पर मशाल बांधकर खड़ी की गई। बनाल पट्टी के दो थोक साठी और पनसाई ने इसे प्रज्ज्वलित किया।गैरबनाल की देवलांग को उत्तराखंड सरकार ने राजकीय मेले का दर्जा दिया है।
कोरोना गाइड लाइन के मद्देनजर इस बार सास्कृतिक संध्या का आयोजन नहीं किया। लोगों ने राजा रघुनाथ के जयकारों के साथ देवलांग का समापन किया।