राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी ने किसानों के लिए सीएम को भेजा पत्र

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    कोटद्वार। उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने उत्तराखंड के किसानों की आवाज से अपनी आवाज मिलाते हुए। उत्तराखंड सरकार के मुखिया त्रिवेंद्र रावत से पारम्परिक खाद्य उत्पाद मंडवा , झंगोरा, भट्ट गहत वा राजमा की दाल का न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी तय करने की मांग की।
    इस संबंध में राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए कहा कि उत्तराखंड का किसान परंपरागत रूप से मंडवा, झंगोरा, गहथ, राजमा में का उत्पादन करता है। जिसमें परिश्रम बहुत ज्यादा लगता है। वे अपने परिश्रम के अनुरूप दाम केवल इसलिए नहीं पा सकते क्योंकि उपरोक्त खाद्य सरकारी खरीद से वंचित है और दूरदराज के पहाड़ी इलाकों में उन्हें खाद्य पदार्थों के ग्राहक केवल कभी-कभी अपने ग्रामीण साथी व अन्य प्रदेशों में रहने वाले सगे संबंधी मिलते हैं। लेकिन उन्हें भी हमारे किसानों को अक्सर यह खाद्य पदार्थ केवल उपहार स्वरूप ही देते हुए देखा जा सकता है। फलस्वरूप यह फसलें उनकी आमदनी का कम उनकी सेवा का माध्यम ज्यादा नजर आती है। उत्पाद स्थानीय संस्कृति खान पान और भोजन रुचि से भी नहीं जुड़े हुए हैं, बल्कि उच्च पोषण क्षमता भी इनकी उपयोगिता सिद्ध करती है। अगर उत्पादकों का न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार तय करके इनके संरक्षण और इनकी उत्पादन उत्पादन की दिशा में विचार करती है तो निसंदेह स्थानीय किसान इनके उत्पादन में और रुचि लेंगे और बाजार में उत्पादकों की मांग प्रदेश के किसानों की आमदनी के रूप में प्रेरित करेगी राज्य में तेजी से हो रहे पलायन को रोकने के लिए ऐसे में सहायक होंगे । उत्पादकों की एमएसपी न्यूनतम मूल्य तय करने से राज्य के बजट में बहुत अधिक बाहर नहीं आएगा। किंतु उत्तराखंड की संस्कृति और भोजन रुचि से जुड़े खाद्यान्नों के संरक्षण कार्य आपके द्वारा संपन्न होकर किसानों को बड़ी खुशखबरी देगा।