रक्षाबंधन पर्व नजदीक आते ही मिठाइयों में मिलावट का खेल चरम पर

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ऋषिकेश। रक्षाबंधन पर्व बेहद नजदीक आ पहुंचा है। घेवर, फैनी के लिए दूध और खोवा की मांग बढ़ गई है। जिसे देखते हुए मिलावट भी चरम पर पहुंच गई है। इस मर्तबा मिलावट तीर्थनगरी की मिठाइयों की दुकानों तक ही नही बल्कि गांव तक जा पहुंची है।
रक्षाबंधन के त्योहार में अब महज दो दिन ही बाकी हैं। पर्व नजदीक आते ही मिठाइयों की मांग काफी बढ़ गई है। शहर में इस बार तरह तरह की मिठाइयों के साथ-साथ पहली पसंद घेवर नजर आ रहा है। पिछले कुछ वर्षो में बहनें अपने भाई को राखी बांधकर घेवर भेंट करती रही हैं। यह सिलसिला इस वर्ष भी बरकरार है। साल भर में केवल इन्हीं दिनों बनने वाली इस लजीज मिठाई को सामान्य तौर पर भी लोग जमकर खाते हैं। इन दिनों मिठाई की दुकानों पर सबसे अधिक बिक्री इसकी हो रही है। जिसे तैयार करने के लिए बड़ी मात्रा में खोवा की जरूरत पड़ रही है।
इसकी पूर्ति के लिए मिलावट का सहारा लिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों आ रहा खोया भी शुद्ध नहीं है। मोटे मुनाफे के लिए उसमें मिलावट होकर आ रही है। मिलावटी मावा बनाने के लिए दूध की बजाय सस्ते दूध पाउडर, केमिकल, उबले आलू, शकरकंद, रिफाइंड तेल आदि का इस्तेमाल किया जा रहा है। रक्षाबंधन पर फैनी भी खास व्यंजन है इसे खूब पसंद किया जाता है। इसमें खूब दूध का प्रयोग होता है। अन्य मिठाइयों के लिए भी दूध की जरूरत बढ़ गई है। इन सबके चलते शुद्ध दूध मिलना मुश्किल हो गया है। उत्पादन उतना ही है, जबकि मांग दोगुनी तक जा पहुंची है। ऐसे में दूध में जमकर मिलावट हो रही है। कुछ स्थानों पर तो सिंथेटिक दूध तैयार कर बाजारों में खपाया जा रहा है। खासतौर से हॉकरों के माध्यम से घर-घर पहुंचाए जाने वाले दूध की गुणवत्ता इन दिनों काफी खराब हो गई है।
स्वास्थ्य निरीक्षक संजय तिवारी का कहना है कि वह मिष्ठान विक्रेताओं के यहां छापेमारी कर रहे हैं जिसमें कोई दोषी पाया जाएगा उनके खिलाफ कार्रवाई होगी