अपर सत्र न्यायाधीश शंकर राज की नैनीताल कोर्ट ने लकवाग्रस्त 70 साल की वृद्धा के साथ दुराचार के दोषी को 15 साल कठोर कारावास व 15 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। घटना के छह माह बाद वृद्धा की मौत हो गई थी। गिरफ्तारी के बाद मुजरिम जेल में ही था और अदालत के फैसले के बाद फिर उसे जेल भेज दिया गया।
अभियोजन के अनुसार, पिछले साल 17 मई को मलिक का बगीचा ट्यूबवेल के पास वनभुलपुरा, हल्द्वानी निवासी, दिलशाद (25 वर्ष) पुत्र अबरार ने वृद्धा के साथ उस समय दुराचार किया, जब उसके बहु-बेटे बाजार गए थे। वृद्धा की बेटी घर पहुंची तो दरबाजे का बंद कुंडा खुला देख चौक पड़ी। उसे देखते ही आरोपी अर्धनग्न अवस्था में भाग गया। वृद्धा को तत्काल अस्पताल ले जाया गया। पीड़िता के बेटे की ओर से आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। घटना के अगले दिन आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
अदालत में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद एडीजीसी घनश्याम पंत द्वारा आरोप साबित करने को आधा दर्जन गवाह पेश किए। अदालत ने बीमार व लकवाग्रस्त वृद्धा के साथ दरिंदगी पर धारा 376-2(एल) का प्रयोग करते हुए 15 साल की कठोर कारावास व 15 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। धारा 452 में सात साल कैद व 5 हजार जुर्माने की सजा सुनाई