राज्य में पेट्रोल 25 पैसे तो डीजल होगा 50 पैसे सस्ता

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त्रिवेंद्र रावत मंत्रिमंडल ने अहम फैसला लेते हुए उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को नए निर्माण कार्य देने पर रोक लगा दी। वहीं निगम को दिए गए पुराने कार्यों का तकनीकी एवं वित्तीय मूल्यांकन नियोजन विभाग करेगा, जबकि इन कार्यों की थर्ड पार्टी जांच कराई जाएगी।

कैबिनेट ने पेट्रोल और डीजल पर कार्बन सेस खत्म करने का निर्णय कर जनता को कुछ राहत दी, लेकिन उसे बिजली का टैरिफ बढऩे का झटका लगना भी तय है। राज्य में पेट्रोल प्रति लीटर 25 पैसे और डीजल प्रति लीटर 50 पैसे सस्ता हो जाएगा। 252 मेगावाट की दस जलविद्युत परियोजनाओं से उत्पादित बिजली का टैरिफ 80 पैसे प्रति यूनिट से बढ़ाकर दो रुपये प्रति यूनिट किया। इससे आम बिजली उपभोक्ता पर 15 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा टैरिफ की मार पड़ने जा रही है।आयकर जांच में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम से संबद्ध अधिकारियों पर शिकंजा कसने के बाद राज्य सरकार ने भी सख्त रुख अपना लिया है।

मंत्रिमंडल के फैसलों को ब्रीफ करते हुए सरकार के प्रवक्ता और काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि निगम को अब राज्य के भीतर नए कार्य आवंटित नहीं किए जाएंगे। मंत्रिमंडल ने यह फैसला भी लिया कि निगम को सौंपे गए पुराने कार्यों का तकनीकी व वित्तीय मूल्यांकन पर भी सख्ती से कराया जाएगा।

यह जिम्मा नियोजन महकमे को सौंपा गया है। निर्माण कार्यों की थर्ड पार्टी जांच भी होगी। गौरतलब है कि राज्य में प्रोक्योरमेंट नियमों की अनदेखी कर निगम को बड़े निर्माण कार्य सौंपे जाते रहे हैं। ‘दैनिक जागरण’ ने इस मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। आखिरकार मंत्रिमंडल को इस मामले में फैसला लेने को मजबूर होना पड़ा। मंत्रिमंडल ने पेट्रोल और डीजल पर कार्बन सेस खत्म कर जनता और उपभोक्ताओं को राहत दी है। इससे करीब 100 करोड़ का राजस्व की हानि होगी, लेकिन इस हानि की पूर्ति राज्य में पेट्रोल और डीजल की अधिक बिक्री से होने वाली आय से मुमकिन होगी।

उत्तराखंड में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अब पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश के करीब बराबर हो गई हैं। मंत्रिमंडल ने राज्य में गंगा व सहायक नदियों के लिए मैनेजमेंट बोर्ड के गठन को लेकर केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए मसौदे पर विचार को मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित की है।

मंत्रिमंडल ने राज्य की सभी तकरीबन 9200 राशन की दुकानों पर प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनें जुलाई माह तक लगाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति भी गठित की गई है।