विधानसभा चुनाव उत्तराखंड में हैं लेकिन ऐसा लग रहा है जैसे हरीश रावत ने इसे उनके और केंद्र सरकार और खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच की लड़ाई बना दिया है। रविवार को देहरादून में पार्टी दफ्तर में पत्रकारों से बात करते हुए रावत ने केंद्र सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी। रावत ने कहा कि केंद्र सरकार हर संभव कोशिश करती रही राज्य में उनकी सरकार के लिये मुश्किलें खड़ी करने की और अब भी वो इसे जारी रखे हुए है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पत्रकारों से बातचीत में भाजपा पर साधा निशाना। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने दो पूर्व विधायकों को वोट कटवाने के लिए प्रायोजित प्रत्याशी उतरने के काम में लगाया है। पत्रकारों से बातचीत में सीएम ने कहा कि इन विधायकों हर प्रत्याशी उतारने की एवज में एक से पांच करोड़ रुपये देने का अधिकार दिया गया है। नामो का खुलासा करने से इन्कार करते हुए उन्होंने इशारे कहा कि ये विधायक पुराने कांग्रेसी भी हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अचार संहिता उल्लंघन के मामले में भाजपा निर्वाचन आयोग का गलत इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा को अपने कृत्य पर माफी मांगनी चाहिए।मुख्यमंत्री ने केंद्र पर फिर से उत्तराखंड की अनदेखी का आरोप लगाते हुए इसके कई उदाहरण दिए। सरकार और संगठन के तालमेल के संबंध में उन्होंने कहा कि किशोर उपाध्याय चवनप्राश हैं। जहां किशोर हैं वही मैं भी हूं। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस में टिकट की घोषणा 14 जनवरी के बाद होने की संभावना है।