मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अब आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए फंड ट्रांसफर पर जारी शुल्क खत्म कर दिया हैं। आरबीआई ने डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए ये फैसला लिया है। मॉनिटरी पॅालिसी की घोषणा करते हुए आरबाीआई ने बैंकों से कहा कि वे कस्टमर्स को इसका फायदा दें। इस बारे में आरबीआई एक हफ्ते में बैंकों को निर्देश जारी करेगा। रिजर्व बैंक ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
अब 2 लाख रुपये या अधिक राशि तुरंत कर सकते हैं ट्रांसफर
नए नियम के तहत अब रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (आरटीजीएस) के तहत दो लाख रुपये या अधिक की राशि ट्रांसफर की जा सकती है। इसके जरिए तुरंत फंड ट्रांसफर हो जाता है। नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिए राशि ट्रांसफर करने के लिए न्यूनतम सीमा तय नहीं है। इसके जरिए फंड ट्रांसफर में आधे से एक घंटे तक का वक्त लग जाता है।
बता दें कि देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई आरटीजीएस के जरिए ट्रांजेक्शन पर फिलहाल पांच रुपये से 51 रुपये तक शुल्क लेता है। एनईएफटी पर एक रुपये से 25 रुपये तक फीस लगती है।
आरटीजीएस पर एसबीआई के शुल्क
राशि | इंटरनेट बैंकिंग चार्ज | बैंक शाखा के जरिए ट्रांजेक्शन पर चार्ज |
2 लाख से 5 लाख रुपये | 5 रुपये | 25 रुपये |
5 लाख रुपये से ज्यादा | 10 रुपये | 51 रुपये |
एनईएफटी पर एसबीआई के शुल्क
राशि | इंटरनेट बैंकिंग चार्ज | बैंक शाखा के जरिए
ट्रांजेक्शन पर चार्ज |
10000 रुपये तक | 1 रुपया | 2.5 रुपये |
10000 से 1 लाख रुपये तक | 2 रुपये | 5 रुपये |
1 लाख से 2 लाख रुपये तक | 3 रुपये | 15 रुपये |
2 लाख रुपये से अधिक | 5 रुपये | 25 रुपये |