नोटों की पहचान: रिजर्व बैंक नेत्रहीनों के लिए लाएगा ऐप

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RBI stopped fees on fund transfer from RTGS and NEFT

नई दिल्ली/मुंबई,  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) नेत्रहीनों को नोटों की पहचान की मदद के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन (मोबाइल ऐप) पेश करेगा। रिजर्व बैंक दरसअल लेनदेन में अब भी नकदी के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल को देखते हुए ये कदम उठाया है।

फिलहाल देश में 10,20,50,100,200,500  और 2 हजार रुपये के बैंक नोट प्रचलन में हैं। आरबीआई ने कहा कि नेत्रहीन लोगों के लिए नकदी आधारित लेन-देन को सफल बनाने के लिए बैंक नोट की पहचान जरूरी है।नोट पर नेत्रहीनों की मदद के लिए ‘इंटाग्लियो प्रिंटिंग’ आधारित पहचान चिह्न दिए गए हैं।

नवंबर, 2016 में 500 और एक हजार रुपये के पुराने नोटों को बंद करने के बाद अब चलन में आए नए आकर के नोट ओर डिजाइन के नोट मौजूद हैं। दरअसल रिजर्व बैंक नेत्रहीनों को अपने दैनिक कामकाज में बैंक नोट को पहचानने में आने वाली कठिनाईयों को लेकर बहुत संवदेनशील है। इसी वहज से रिजर्व बैंक मोबाइल ऐप विकसित करने के लिए वेंडर की तलाश कर रहा है।

नेत्रहीनों के लिए कैसे मददगार है ये ऐप 
दरअसल, ये ऐप महात्मा गांधी (नई) सीरिज के नोटों की पहचान करने में सक्षम होगा। इसके लिए व्यक्ति को नोट फोन के कैमरे के सामने रखकर उसकी तस्वीर खींचनी होगी। यदि नोट की तस्वीर सही से ली गई होगी तो ऐप ऑडियो नोटिफिकेशन के जरिए नेत्रहीन व्यक्ति को नोट की वैल्यू के बारे में बता देगा। यदि कोई दिक्कत आएगी तो ऐप फिर से प्रयास करने की जानकारी देगा। हालांकि इस तरह का प्रस्ताव एक बार रद्द हो चुका है। देश में करीब 80 लोग नेत्रहीन हैं। रिजर्व बैंक के इस पहल से उन्हें फायदा होगा।