नगर निकाय चुनाव में पार्टियों में संगठन द्वारा प्रत्याशी चयन को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसे के चलते बीजेपी के लिये ऋषिकेश में नई मुसीबत खड़ी होती दिख रही है। मान मनौव्वल के बावजूद भी मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। इसके चलते मंगलवार को नामांकन के अंतिम दिन दोनों प्रमुख पार्टियों के बागियों की ओर से मेयर व पार्षद पदों पर नामांकन किए गए।
भारतीय जनता पार्टी के संगठन महामंत्री नरेश बंसल, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक व जिला अध्यक्ष शमशेर सिंह कुंडली की ओर से सोमवार को कुसुम कंडवाल व चारू कोठारी को मनाने की कवायद असफल रही। भाजपा से बगावत कर चारु कोठारी व कुसुम कंडवाल ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
ऋषिकेश नगर निगम में महिला सीट आरक्षित है जिस पर बीजेपी ने अनीता मंमगाई को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। इसके विरोध में ऋषिकेश बीजेपी कार्यकर्ताओं में लगातार रोष बना हुआ है और प्रदेश अध्यक्ष पर कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप लग रहा है। महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष कुसुम कंडवाल की नगर निकाय चुनाव में मेयर पद के लिए मुख्य दावेदारी मानी जा रही थी, आनन-फानन में पार्टी संगठन ने अनीता मँँमगाई को ऋषिकेश नगर निगम में भाजपा प्रत्याशी के रूप में उतार दिया जिसके विरोध में कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट पर प्रदेश अध्यक्ष का घेराव करके अपना विरोध दर्ज कराया था।
ऋषिकेश में मेयर पद के लिए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल कर के प्रदेश संगठन के लिये मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। कुसुम कंडवाल का कहना है कि इससे पूर्व यमकेश्वर विधानसभा में उनका टिकट काटकर रितु खंडूरी को चुनाव लड़ाया गया था। उसके बाद उनकी दावेदारी ऋषिकेश मेयर पद के लिए बनी हुई थी जिसमें पार्टी संगठन ने अनदेखी करके अनीता मंमगाई को प्रत्याशी बनाया है। अपनी लगातार हो रही अनदेखी को लेकर आज वह विवश होकर कार्यकर्ताओं और समर्थकों के दबाव में नामांकन दाखिल कर रही हैं। बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों से कार्यकर्ता कुसुम कंडवाल के साथ मौजूद रहे।
वहीं, भाजपा सपा कांग्रेस के कई पार्षदों ने भी बगावत कर नामांकन पत्र दाखिल किए। इतना ही नहीं कांग्रेस के एक दर्जन से अधिक पदाधिकारियों ने भी अपने इस्तीफे पार्टी को लेकर नामांकन पत्र दाखिल कर दिए हैं, जिससे दोनों दलों में भारी बगावत की आशंका है। कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने वाले में कांग्रेस उपाध्यक्ष योगेश शर्मा ,शैलेंद्र शिवसेना, प्रासु बनर्जी ,किशनपाल, योगेश सक्सैना, बप्पी अधिकारी, दीपक यादव, दिगंबर सिंह नेगी, अध्यक्ष इंटक सुनील भारती, नवीन कुमार, राजेश शाह ,अध्यक्ष सेवादल मनीष कुमार ,विधानसभा अध्यक्ष इंटक, इरफान महासचिव किशनपाल, महानगर अध्यक्ष अनुसूचित जाति रविंद्र बिल्ला, प्रदेश अध्यक्ष इंटक ने भी कांग्रेस पार्टी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है जिन्होंने अपने सीने में आरोप लगाया है कि जो व्यक्ति विधानसभा में दो बार चुनाव हार चुका है उसके इशारे पर टिकट आवंटित किए गए हैं जिसके कारण पार्टी के कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है।