उत्तराखंड की विश्वविख्यात चारधाम यात्रा अब समाप्त हाे चुकी है और शीतकाल के लिए चाराें धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनाेत्री और गंगाेत्री धाम के कपाट बंद हो गए हैं। अब दर्शन के लिए देश-दुनिया के तीर्थयात्रियाें काे छह माह तक का इंतजार करना हाेगा। इस वर्ष चारधाम यात्रा पर रिकार्ड 48 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए हैं।
इस वर्ष चारधाम की कम यात्रा अवधि और आपदा के बाद भी रिकॉर्ड तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे हैं। 10 मई से 17 नवंबर तक चारधाम यात्रा में कुल 48 लाख 11 हजार 279 तीर्थयात्रियों ने चारों धामों में दर्शन पूजन किया। सबसे अधिक केदारनाथ धाम 16 लाख 52 हजार 76 तीर्थयात्री पहुंचे, जबकि बद्रीनाथ धाम में 14 लाख 35 हजार 341 पहुंचे। इसी तरह यमुनोत्री धाम में सात लाख 14 हजार 755, गंगोत्री धाम में आठ लाख 15 हजार 273, हेमकुंड साहिब दरबार में एक लाख 83 हजार 722 तो गौमुख धाम में 10 हजार 112 तीर्थयात्रियों ने हाजिरी लगाई है। यात्रा काल में कुल पांच लाख 44 हजार 24 वाहन आए हैं, जबकि उच्च हिमालय स्थित केदारनाथ धाम में एक लाख 26 हजार 393 तीर्थयात्री हेलीकाप्टर से पहुंचे हैं।
इस वर्ष 261 तीर्थयात्रियों की मौत व 20 यात्री हैं लापता
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र आईटी पार्क देहरादून की ओर से सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष चारधाम यात्रा में कुल 261 तीर्थयात्रियों की मौत हुई है। समुद्रतल से 11,750 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम यात्रा में 127, बद्रीनाथ धाम में 68, हेमकुंड साहिब दरबार में 10, गंगोत्री धाम में 16 व यमुनोत्री धाम में 40 तीर्थयात्रियों की मौत हुई है। इसमें स्वास्थ्य खराब होने से 249 की मौत हुई है तो 12 लोगों की मौत प्राकृतिक आपदा के कारण हुई है। जबकि प्राकृतिक आपदा में केदारनाथ में अभी 20 तीर्थयात्री लापता हैं और तीन लोग घायल हुए हैं।