कुंभ कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े में आरोपित को हाईकोर्ट से राहत

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हाईकोर्ट
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हाईकोर्ट ने मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के पार्टनर शरत पंत की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने शरत पंत को एक जुलाई को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने को कहा है।

न्यायमूर्ति एनएस धानिक की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। पंत ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने और दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की थी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नारायण हर गुप्ता ने बताया कि कोर्ट ने जांच अधिकारी को पंत की गिरफ्तारी के संबंध में सीआरपीसी की धारा 41(1)(बी) का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है, जिसके आधार पर पंत मनमानी गिरफ्तारी के खिलाफ सुरक्षित हैं।

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि मैक्स कॉरपोरेट सर्विस सिर्फ एक सर्विस प्रोवाइडर थी। परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के समय मैक्स का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। इसके अलावा परीक्षण और डेटा प्रविष्टि का सारा काम सरकार के स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों की निगरानी में किया गया था। अगर कोई गलत काम कर रहा था तो कुंभ मेले की पूरी अवधि के दौरान अधिकारी चुप क्यों रहे।

उल्लेखनीय है कि  मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ मेले के दौरान इनके द्वारा अपने को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी तरीके से टेस्ट इत्यादि किये गए। जून 2021 को एक व्यक्ति द्वारा सीएमओ हरिद्वार को एक पत्र भेजकर शिकायत की गयी थी कि कुंभ मेले में टेस्ट कराने वाली लैब द्वारा उनकी आईडी व फोन नंबर का उपयोग किया है। जबकि उनके द्वारा कभी रेपिड एंटीजन टेस्ट हेतु सैंपल दिया ही नहीं गया था। इस प्रकरण में रेपिड एंटीजन टेस्ट सैम्पल कलेक्शन सेंटर का नाम मैक्स कॉरपोरेट सर्विस कुंभ मेला अंकित किया गया था। इस पर जिला अधिकारी हरिद्वार ने 16 जून 2021 को प्रारम्भिक जांच की। इस शिकायत को आधार मानकर सीएमओ हरिद्वार ने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 53 और आईपीसी की धारा 120बी, 188, 269, 270, 420, 468 और 471 में 17 जून 2021 को मैक्स कॉरपोरेट सर्विस, नालवा लेबोरेट्रीज और डॉक्टर लाल चंदानी लैब दिल्ली के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।