मुंबई/नई दिल्ली, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) ने रेपो रेट में एक बार फिर कटौती की है। चालू वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है। इसमें 5वीं बार रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाकर 5.15 फीसदी कर दिया। इसके साथ रिवर्स रेपो रेट घटकर 4.90 फीसदी हो गया। रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान भी 6.9 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया है।
इस कटौती के साथ ही रिजर्व बैंक ने कैश रिजर्व रेसियो (सीआरआर) 4 फीसदी और एसएलआर 19 फीसदी पर बरकरार रखा है। रिजर्व बैंक ने इस साल लगातार 5वीं बार ब्याज दरों यानी रेपो रेट में कटौती की है। आरबीआई ने यह फैसला बहुमत से लिया है।
जीडीपी का अनुमान घटाया
रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 6.9 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया है। इसके पहले अगस्त में रिजर्व बैंक ने ग्रोथ का अनुमान 7.0 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया था। आरबीआई के अनुसार वित्त वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में 6.6-7.2 फीसदी ग्रोथ का अनुमान है। वहीं वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में ग्रोथ 5.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021 के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 7.1 फीसदी रखा है।
बहुमत के आधार पर रेपो रेट में कटौती
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के पांच सदस्य ब्याज दरों में कटौती के पक्ष में थे, जबकि एक सदस्य कटौती ज्यादा चाह रहे थे। एमपीसी ने पॉलिसी का रुख अकोमेडेटिव बरकरार रखा है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बैठक में 5 सदस्यों ने दरों में कटौती का समर्थन किया था। एमपीसी की बैठक की जानकारी देते हुए दास ने कहा कि अगली बैठक 3, 4 और 5 दिसम्बर 2019 को होगी।
कटौती के बाद आरबीआई की नई ब्याज दरें
रेपो रेट : 5.15 फीसदी
रिवर्स रेपो रेट : 4.90 फीसदी
सीआरआर : 4 फीसदी
एसएलआर : 19 फीसदी
ग्रोथ को सपोर्ट देने के लिए कटौती का फैसला
रेपो रेट में कटौती का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत ने कहा कि निजी निवेश और मांग को बढ़ाना प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि ग्रोथ में सुधार तक मॉनेटरी पॉलिसी में नरम रुख जारी रहेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि ब्याज दरों के लिए कोई लोअर बैंड तय नहीं है। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कटौती का फैसला महंगाई दर के तय लक्ष्य के मुताबिक रहने और ग्रोथ को सपोर्ट देने के लिए किया है।
बैंकों पर कर्ज सस्ता करने का बढ़ेगा दबाव
रिजर्व बैंक की ओर से रेपो दर में इस कटौती के बाद बैंकों पर कर्ज और सस्ता करने का दबाव बढ़ गया है। इसकी वजह से आने वाले दिनों में होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन पर ब्याज दर कम हो सकती है। मान लीजिए कि रेपो रेट में कटौती के बाद कोई बैंक होम लोन की ब्याज दर 0.25 फीसदी की कटौती करता है तो उससे 25 लाख रुपये तक के 20 साल के लोन की ईएमआई हर महीने करीब 400 रुपये कम हो जाएगी।