रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के चेयरमैन पद के लिए रिटायर्ड आईएएस अधिकारी ही कसरत कर रहे हैं। रेरा के नियामक प्राधिकारी कार्यालय को प्राप्त आवेदनों में इस पद के लिए तीन उम्मीदवार सामने आए हैं और तीनों रिटायर्ड आइएएस हैं। इनमें दो पूर्व आइएएस उत्तराखंड, जबकि एक झारखंड के हैं। वहीं, रेरा सदस्यों के लिए पांच आवेदन प्राप्त हुए। हालांकि आवेदनों की कम संख्या को देखते हुए दोबारा से आवेदन मांगे गए हैं और आवेदन करने की अंतिम तिथि अब 22 सितंबर रखी गई है।
रेरा के नियामक प्राधिकारी व सचिव आवास अमित नेगी के मुताबिक रेरा चेयरमेन व तीन सदस्यों के लिए चार सितंबर तक आवेदन मांगे गए थे। तय तिथि तक तीन आवेदन चेयरमेन के लिए व सदस्यों के तीन पदों के लिए आठ ही आवेदन आए थे। आवेदनों की कम संख्या को देखते हुए यह तिथि 22 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। इसके बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित विधि, आवास व कार्मिक सचिवों वाली कमेटी आवेदनों की स्क्रूटनी कर सलेक्शन कमेटी को नाम भेजेगी। जबकि सलेक्शन कमेटी हर पद के लिए तीन-तीन नामों का चयन पर सरकार को रिपोर्ट देगी। इस कमेटी में हाईकोर्ट के न्यायाधीश यूसी ध्यानी, प्रमुख सचिव न्याय व सचिव आवास हिस्सा हैं। चेयरमेन व सदस्यों की नियुक्ति अंतिम रूप से सरकार के निर्णय के अधीन रहेगी। चेयरमैन पद के लिए अब तक आए आवेदनों में प्रमुख रूप से एन रविशंकर (पूर्व मुख्य सचिव उत्तराखंड), चंद्र सिंह नपलच्याल (पूर्व सचिव उत्तराखंड), विष्णु प्रसाद (पूर्व अपर मुख्य सचिव झारखंड) के आवेदन शामिल हैं।
सचिवालय समिति ने किया आवेदन
रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के नोटिस के बाद उत्तराखंड सचिवालय सहकारी आवास समिति ने पंजीकरण के लिए आवेदन कर लिया है। उनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है और इसके बाद समिति का विधिवत पंजीकरण कर दिया जाएगा। इस समिति ने कारगी के पास भारूवाला ग्रांट में करीब 120 बीघा क्षेत्रफल पर प्लॉटिंग कर रखी है। इस भूखंड पर प्लॉट बेचने का काम भी शुरू किया जा चुका था। समिति सचिव प्रदीप पपनै ने रेरा अधिकारियों को पत्र लिखकर पंजीकरण में छूट देने की मांग की थी। तर्क दिया गया था कि यह सहकारी अधिनियम में पंजीकृत लाभ-हानिरहित संस्था है। इस तर्क को रेरा के नियामक प्राधिकारी ने यह कहकर खारिज कर दिया था कि जो समिति के सदस्यों को प्लॉट बेचे जा रहे हैं, जिसमें बड़ी राशि का प्रयोग हो रहा है। ऐसे में किसी भी विवाद की स्थिति में निवेशकों के हितों को संरक्षित रखने के लिए समिति का रेरा में पंजीकृत होना जरूरी है। इसके साथ ही समिति को नोटिस जारी कर प्लॉटिंग प्रतिबंधित कर दी गई थी।