देहरादून, दुनियांभर में अपनी एक अलग पहचान रखने वाली थ्री नॉट थ्री राइफल को अभी तक उत्तराखंड पुलिस उपयोग में ला रही थी लेकिन अब जल्द यह रिटायर होने जा रही है। अंग्रेजो के समय से उपयोग हो रही राइफल अब पुलिस के कंधो से उतरने जा रही है जिसकी जगह बाब नए अत्याधुनिक हथियार लेगें।
उत्तराखंड के उत्तर प्रदेश से अलग होने से पहले से ही इस राइफल का उपयोग पुलिस करती आयी है पर अब समय की मांग को देखते हुए इसको पुलिस विभाग से हटा कर नये हथियार इसकी जगह लेंगे।
पहला विश्व युद्ध हो या फिर दूसरा विश्व युद्ध या 1962 और 1971 का भारत पाकिस्तान युद्ध इन सबमें एक बात कौमन थी और वो थी थ्री नॉट थ्री रायफल का इस्तेमाल। साल 1880 में ब्रिटिश आर्मी के पास यह रायफल सबसे पहले आई थी, इसी रायफल के दम पर अंग्रेजो ने पुरे विश्व पर कब्जा करने में सफल हुई थी, जिसके बाद भारत में भी ब्रिटिश सरकार इसे लेकर आई और तबसे आज तक यह इस्तेमाल की जा रही हैं। अभी तक कई राज्यों की पुलिस इसे इस्तेमाल करती आई है तो कई राज्यों ने इसे रिटायरमेंट दे दिया है।
एक वक्त जहां भारतीय सेना इस रायफल का इस्तेमाल करती थी तो हाईटेक हथियार आने के बाद इनका इस्तेमाल पुलिस बल करने लगे और इसी के तहत उत्तराखंड पुलिस भी पिछले कई सालों से इसका इस्तेमाल करती आ रही है, लेकिन अब जल्द ही यह रायफल उत्तराखंड में भी रिटायरमेंट लेने जा रही है।
“थ्री नॉट थ्री रायफल के बाहर होने के बाद उसकी जगह इंसास और सिटी पुलिस को रिवॉल्वर और पिस्टल दिए जाएंगे, जो आधुनिक सुविधाजनक हैं। जिसके लिए पुलिस मुख्यालय ने कमेटी गठित कर दी है जो रिपोर्ट बनाएगी, जिसके रिटायर्मेंट के लिए पुलिस विभाग ने 5 पुलिस अधिकारियों की कमेठी तैयार की है, जो इस राइफल के रिटायर्मेंट का खाका तैयार कर रही है।” डीजी लॉ एंड ऑर्डर, अशोक कुमार का कहना है।
एक्सपर्ट की माने तो अब बदलते जमाने के साथ पुलिस को भी नए उपकरणों से लैस होना चाहिये। वक्त के साथ बदलाव होना जरूरी है, आये दिन अपराधियों के पास हाईटेक हथियार मिलते हैं. और पुलिस आज भी थ्री नॉट थ्री राइफल से ही काम चला रही थी। लेकिन अब पुलिस भी हाईटेक होने जा रही है जिसके लिए पुलिस के कंधों से थ्री नॉट थ्री का लम्बा सफरनामा भी खत्म हो जायेगा