(ऋषिकेश) दुनिया के बेहतरीन संगीतकारों में से एक बीटल्स बैंड की भारत से जुड़ी यादगार लंबे समय तक उत्तराखंड के ऋषिकेश में उदासीनता का शिकार रही। यहीं पर, महाऋषि महेश योगी के आश्रम में 1968 के अपने प्रवास के दौरान बीटल्स दल को सदस्यों ने 48 सदाबहार गीतों की रचना की थी।
कुछ समय पहले तक, ऋषिकेश के बाहरी इलाक़े में स्थित यह 15 एकड़ का आश्रम सरकारी उदासीनता की मिसाल बना हुआ था। यह आश्रम जंगली झाड़ियों से घिरा था और जानवरों और असमाजिक तत्वों की पनाहगाह में तब्दील हो गया था। यहाँ के हालात देखकर कहना मुश्किल था कि इस जगह पर कभी चौरासी कुटिया यानि ध्यान करने के लिये पत्थर की 84 कुटिया मौजूद थीं। अब इस आश्रम को दोबारा इसके खोये हुए यश को लौटाने की कोशिश की गई है और इसे ऋषिकेश के पर्यटन नक़्शे में भी जगह दी गई है।
इसे चाहे बीटल्स आश्रम कहें या चौरासी कुटिया में महेश योगी का ध्यान केंद्र, तथ्य यह है कि यह इस बात का प्रतीक है कि कैसे 50 साल पहले पश्चिम ने भारत आकर गंगा के किनारे साधना की थी।वरिष्ठ पत्रकार और बीटल्स की 1968 की यात्रा के जानकार, राजू गुसाई गर्व के साथ कहते हैं कि, “इस जगह को पुनर्जीवित करने की कोशिश अभी से ही अच्छे नतीजे दिखा रही है। आश्रम के पुनर्जीवित होने के ख़बरें दर्जन भर से ज़्यादा अंतर्राष्ट्रीय अख़बारों और मैगज़ीनों में प्रकाशित हुई, जिसके चलते कई विदेशी सैलानियों ने इस जगह का रुख किया है। पिछले साल 5000 विदेशी सैलानी यहाँ आये, जबकि 2017 में यह आँकड़ा 818 ही था। इससे सरकारी कमाई भी दोगुनी हो गई है। 2017 में 20 लाख से बढ़कर यह 2019 में 78 लाख पहुँच गई है।”
बीटल्स की याद में, पॉल सॉल्टजमैन की 23 तस्वीरों वाली चित्र गैलरी ने इस आश्रम के आकर्शण को और बड़ा दिया है। इसके साथ ही यहाँ, महेश योगी के जीवन और शिक्षा के बारे में भी एक गैलरी है और इन सब के साथ साथ, राज्य वन विभाग ने भी राज्य के वन्यजीव पर आधारित एक चित्रों की गैलरी यहाँ बनाई है।
इसे साथ ही यहाँ एक जलपान गृह है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों की सेवा करता है। इसके खुलने का समय, 10:00- 5:00 p.m है। इस कैंपस को एक समय यहां बेखौफ घूमने वाले जंगली जानवरों से बचाने का काम एक सौर ऊर्जा से चलने वाली बाड़ करती है।
पिछले तीन साल में यहाँ आने वाले पर्यटकों के आँकड़े साफ करते हैं कि यह मुहिम रंग लाई है:
2017
1) भारतीय: 13, 888
2) विदेशी: 818
3) आय: Rs 20, 33, 175
2018
1) भारतीय: 23,852
2) विदेशी: 3,939
3) आय: Rs 50.51 Lakh
2019
1) भारतीय: 35,291
2) विदेशी: 5,388
3) आय: Rs. 78.45Lakh
जहां चाह वहाँ राह की कहावत को चरितार्थ करते हुए राज्य के वन विभाग और पर्यटन विभाग ने साथ काम कर, सदियों से वीरान पड़ी और बदहाली की मार झेल रहे बीटल्स आश्रम या चौरासी कुटिया को नया जीवन दे दिया है।