हरिद्वार। हरिद्वार मेयर मनोज गर्ग के राजनीतिक गुरु कहे जाने वाले कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक और मेयर मनोज गर्ग के बीच आजकल कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इससे मेयर मनोज गर्ग के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाने वाले मदन के ताजा राजनितिक आंकड़ों में मनोज गर्ग का कद घटता हुआ नजर आ रहा है।
मामले की सुगबुगहाट हाल ही में हुए दो बड़े कार्यक्रमों से हुई, जहां पर मदन ने मनोज गर्ग को सार्वजनिक रूप से न केवल लताड़ लगाई अपितु उनके ज्ञान पर भी सवाल खड़ा किया। मनोज गर्ग के लिए मंत्री का सार्वजनिक मंच पर इस तरह का व्यवहार किसी झटके से कम नहीं हैं। माना जाता है कि मदन कौशिक की भाषण शैली को देखकर मनोज गर्ग ने राजनीतिक क्षेत्र में कदम बढ़ाया है लेकिन आजकल मनोज गर्ग के ही राजनितिक गुरु को उनके भाषणों व उनकी जानकारियों पर ही संदेह होने लगा है क्योंकि कौशिक भरे मंच पर मनोज गर्ग को आईना दिखाने का काम भी किया है। इसकी एक झलक गुरुवार को गुघाल गेट पर सीवरेज योजना के शिलान्यास कार्यक्रम में देखने को मिली जब मेयर ने पूर्व की योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्हें बंद करने का दोष पूर्व की कांग्रेस सरकार पर लगाया तो मंच पर मौजूद मदन कौशिक इससे खासे खफा हो गए और उन्होंने मेयर की जानकारी पर उसी समय सवाल उठाते हुए जमकर लताड़ लगाई।
सार्वजनिक तौर पर इस तरह से मदन ने पहली बार मेयर मनोज गर्ग को लताड़ नहीं लगाई, इससे पहले प्रेस क्लब के कार्यक्रम में भी पत्रकार कॉलोनी को लेकर कौशिक मनोज गर्ग को सार्वजनिक तौर पर आड़े हाथों ले चुके हैं। वहीं अब कौशिक के इस तरह से मेयर को सार्वजनिक तौर पर आड़े हाथों लेने के राजनितिक मायने निकाले जा रहे हैं, जिसमें सबसे प्रबल संभावना दोनों के बीच राजनितिक गणित का गठजोड़ आने को लेकर लगाई जा रही है। कहा जा रहा है कि मेयर मनोज गर्ग अब मदन कौशिक की राजनितिक आंकड़ों में फिट नहीं बैठ रहें, इसलिए इस नीति पर काम किया जा रहा है। भाजपा के मेयर ने चुनाव को देखते हुए सक्रियता को तेज कर दिया है और यह संदेश देने का काम कर रहे हैं कि भाजपा उन्हीं को अपना मेयर पद का उम्मीदवार बनाएगी। यही वजह है कि मेयर कार्यक्रमों में कुर्सी लगाने से लेकर दरी बिछाने का काम भी आजकल बड़े चाव से कर रहे हैं।